पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और शिक्षा के लिए जानी जाती है, हाल ही में एक ऐसी घटना से दहल उठी, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यह घटना न केवल कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है।
एक साधारण दिन, जो बन गया दर्दनाक हादसा25 जून की शाम, जब कोलकाता की सड़कों पर रोज़मर्रा की चहल-पहल थी, एक छात्रा अपने भविष्य को संवारने के लिए कॉलेज पहुंची। उसका मकसद था एग्जाम फॉर्म भरना, लेकिन उसे क्या पता था कि यह साधारण-सा दिन उसकी जिंदगी का सबसे काला दिन बन जाएगा। पुलिस की FIR के अनुसार, शाम 7:30 बजे से रात 10:50 बजे के बीच, तीन युवकों ने इस छात्रा के साथ वहशीपन की सारी हदें पार कर दीं।
"मैंने रोकर मिन्नतें की, लेकिन..."छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे कॉलेज के यूनियन रूम में बुलाया गया। वहां से उसे जबरन गार्ड रूम में ले जाया गया। उसने बार-बार विरोध किया, रोई, और यहां तक कि आरोपियों के पैर छूकर छोड़ने की गुहार लगाई। उसने बताया, "मैंने कहा कि मैं रिलेशनशिप में हूं, मेरी जिंदगी बर्बाद मत करो, लेकिन वे नहीं माने।" कॉलेज का मेन गेट बंद था, और गार्ड ने भी उसकी कोई मदद नहीं की। आरोपियों ने न केवल उसका शारीरिक शोषण किया, बल्कि उसका वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने की धमकी भी दी।
डर और धमकियों का सायाजब पीड़िता ने भागने की कोशिश की, तो उसे हॉकी स्टिक से मारने और उसके परिवार व बॉयफ्रेंड को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई। यह दहशत भरा माहौल उसकी हिम्मत को तोड़ने के लिए काफी था, लेकिन उसने हार नहीं मानी और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस साहसिक कदम ने इस जघन्य अपराध को उजागर करने में मदद की।
पुलिस की त्वरित कार्रवाईपुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की। तीनों आरोपियों—मोनोजीत मिश्रा (31), जो टीएमसी छात्र परिषद का स्थानीय यूनिट अध्यक्ष और पूर्व छात्र है, जैब अहमद (19), और प्रमित मुखर्जी (20), जो मौजूदा छात्र हैं—को गिरफ्तार कर लिया गया। दो आरोपियों को तालबगान क्रॉसिंग के पास से और एक को उसके घर से पकड़ा गया। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त किए और फॉरेंसिक टीम ने कॉलेज परिसर से सबूत इकट्ठा किए। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर कोर्ट ने तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलेंअभियोजन पक्ष के वकील सौरिन घोषाल ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म के स्पष्ट सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर कोर्ट ने हिरासत की मंजूरी दी। वहीं, बचाव पक्ष के वकील आजम खान ने कहा कि अभी पूरी जांच होनी बाकी है और जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए।
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