-साइबर ठगी में प्रयोग के लिए उपलब्ध कराए थे बैंक खाते
-आरोपी नेपाल जाकर चाइना मूल के साइबर ठगों को देकर आता था बैंक खाते
गुरुग्राम, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । चाइना मूल के साइबर ठगों को बैंंक खाते उपलब्ध कराने के एक आरोपी को गुरुग्राम पुलिस ने काबू किया है। इन बैंक खातों को साइबर ठगी के लिए उपयोग किया जाता था। आरोपी नेपाल जाकर चाइना मूल के साइबर ठगों को यह बैंक खाते देकर आता था। इसके द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खातों के माध्यम से आरोपी साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे।
जानकारी के अनुसार 15 फरवरी 2024 को एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में कहा था कि उसके पास एक फोन कॉल आयी। करने वाले ने स्वयं को फेडेक्स का कर्मचारी बताया और कहा कि आपका कोरियर आया है। कोरियर में अवैध समान हैं। उसके द्वारा ऐसा कोई कूरियर मंगाने की बात से इनकार किया गया। उन्होंने दबाव बनाते हुए कहा कि उसका आधार कार्ड इस्तेमाल हुआ है। फिर उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारियों से बात कराई। जिन्होंने बताया कि उसका नाम मनी बिटकॉइन फ्रॉड में है। उसका गिरफ्तारी का वारंट निकाला गया है। फिर उसको डराते हुए उसे डिजिटल अरेस्ट करके इससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर पुलिस थाना साईबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम में केस दर्ज किया गया। थाना साइबर अपराध दक्षिण की पुलिस टीम ने निरीक्षक नवीन कुमार के नेतृत्व में एक आरोपी को काबू किया गया। आरोपी की पहचान सुरजीत कुमार निवासी याम वाटिका कालोनी जयपुर के रूप में हुई। उसकी उम्र 29 साल है और वह 12वीं पास है। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि आरोपी को दो सितंबर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। बुधवार तीन सितंबर को अदालत में पेश करके तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि इस मामले में ठगी गई राशि में से 16 लाख आठ हजार 208 रुपये आरोपी कृष्ण कुमार नामक आरोपी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। आरोपी कृष्ण ने यह बैंक खाता आरोपी पिंटू को खाता 50 हजार रुपये में बेचा था। फिर आरोपी पिंटू ने यह बैंक खाता आरोपी प्रशांत को 20 हजार रुपये में पर बेचा था। आरोपी प्रशांत ने यह बैंक खाता आरोपी सुरजीत को 30 हजार रुपए में बेचा था। आरोपी सुरजीत ने यह बैंक खाता आगे चाइना मूल के व्यक्ति को खाते में आने वाली राशि के तीन प्रतिशत कमीशन पर बेचा था। आरोपी से पुलिस पूछताछ में पता चला है कि यह पहले कपड़े का काम करता था। नेपाल में यह चाइना मूल के लोगों के सम्पर्क में आया, जिन्होंने इससे साईबर ठगी करने के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराने की बात कही। उसके बाद यह टेलीग्राम गु्रप माध्यम से भी चाइना मूल के साईबर ठगों के संपर्क में रहता था।
(Udaipur Kiran)
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