नई दिल्ली, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन-2025 का उद्घाटन किया। सम्मेलन में देशभर से लगभग 800 अधिकारियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में गृह मंत्री ने आतंक और तस्करी से जुड़े भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने तथा आतंकी नेटवर्क के घरेलू लिंक तोड़ने के लिए रणनीति पुनः निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि एन्क्रिप्टेड संचार का दुरुपयोग रोकने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर एक फोरम स्थापित किया जाए। आतंक वित्तपोषण से जुड़े इनपुट्स के विश्लेषण के माध्यम से आतंकी मॉड्यूल्स का भंडाफोड़ करने का भी निर्देश दिया गया। साथ ही, पुलिस संगठनों में केवल स्वदेशी तकनीकों के उपयोग को सुनिश्चित करने को कहा गया।
सम्मेलन के उद्घाटन से पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह सम्मेलन राजधानी नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें भौतिक और वर्चुअल दोनों माध्यमों का प्रयोग किया गया। दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डीएनएसए), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) के प्रमुखों ने भाग लिया। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तथा विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ एवं जमीनी स्तर पर कार्यरत युवा पुलिस अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से सम्मेलन से जुड़कर विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार सम्मेलन के पहले दिन राष्ट्रविरोधी बाहरी तत्वों की भूमिका, उनके देश के अंदर फैले नेटवर्क, मादक पदार्थों के अवैध व्यापार, एन्क्रिप्टेड संचार एप्स के दुरुपयोग और नई तकनीकों के खतरे जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इसके साथ ही भीड़ प्रबंधन और निर्जन द्वीपों की सुरक्षा में तकनीक के प्रयोग तथा आतंकी वित्तपोषण की चुनौतियों पर भी विचार हुआ।
सम्मेलन के दूसरे दिन नागरिक उड्डयन एवं बंदरगाह सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी उपाय, वामपंथी उग्रवाद तथा मादक पदार्थ तस्करी से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा होगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए थे कि राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियां सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाए, जिससे जमीनी स्तर के अनुभवी अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के सहयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके। 2021 से यह सम्मेलन व्यापक सहभागिता के लिए हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
You may also like
थाइलैंड-कंबोडिया संघर्ष में सीजफायर कराने के लिए हुई डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री
प्रधानमंत्री मोदी देशभर के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत : राममोहन नायडू
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में जीरो टॉलरेंस का दिया बड़ा संदेश: अमित शाह (लीड-1)
झालावाड स्कूल हादसे से मां पर टूटा दुखों का पहाड़, बेटा-बेटी की गई है जान, सूना हुआ आंगन
दक्षिण अफ्रीका को 3 रन से हराकर न्यूजीलैंड ने जीती त्रिकोणीय टी20 सीरीज