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बंगालियों को बांग्लादेशी कहकर प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ चुंचुड़ा तृणमूल कांग्रेस का विरोध मार्च

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हुगली, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को बांग्लादेशी कहकर प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ रविवार को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चुंचुड़ा में तृणमूल कांग्रेस की ओर से पिपुलपाती मोड़ से घड़ी मोड़ तक तृणमूल विधायक असित मजुमदार के नेतृत्व में एक विशाल रैली निकाली गई।

दरअसल हाल ही में ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में हुगली के निवासी देवाशीष दास को बांग्लादेशी होने के संदेह में स्थानीय पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था। देवाशीष ने बताया कि उनके पास पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, जन्म प्रमाणपत्र, माध्यमिक परीक्षा प्रमाणपत्र और पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट जैसे सभी वैध दस्तावेज मौजूद थे, फिर भी उन्हें रिहा नहीं किया गया और उनके फोन तक जब्त कर लिए गए। न तो परिवार वालों से बात करने दी गई, न ही उनके ठेकेदार से। परिवार का संपर्क टूटने से उनके परिजन खासकर मां बिभा दास गहरे सदमे में आ गईं।

देवाशीष ने बताया कि वे 14 अलग-अलग राज्यों में काम कर चुके हैं, लेकिन इस तरह की अपमानजनक स्थिति का सामना उन्हें कभी नहीं करना पड़ा। इस घटना ने उन्हें गहरे मानसिक आघात में डाल दिया है और अब वे राज्य से बाहर काम करने जाने में डर महसूस कर रहे हैं।

इस पूरी घटना के विरोध में स्थानीय लोग भी भारी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के इस विरोध मार्च में शामिल हुए। विधायक असित मजुमदार ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में अगर कोई व्यक्ति बांग्ला भाषा बोलता है, तो उसे बांग्लादेशी कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है। यह भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है। हमारे देश में कई भाषाएं और संस्कृति हैं, लेकिन भाजपा जानबूझकर लोगों में विभाजन पैदा करने की साजिश कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के साथ खड़ी हैं। उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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