मुंबई , 23जुलाई (Udaipur Kiran) । माननीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि किसी भी अनधिकृत निर्माण को बिजली की आपूर्ति नहीं की जानी चाहिए। तदनुसार, ठाणे नगर आयुक्त सौरभ राव द्वारा इस निर्णय का हवाला देते हुए ठाणे नगर क्षेत्र में कार्यरत महावितरण और टोरेंट पावर कंपनियों दोनों को इस आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है।अनधिकृत निर्माणों को बिजली की आपूर्ति नहीं की जानी चाहिए और बिजली की आपूर्ति करते समय, बिजली कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संबंधित निर्माण अधिकृत हो। इस संबंध में, माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, आज बुधवार दोपहर ठाणे नगर आयुक्त सौरभ राव के कार्यालय में नगर निगम, महावितरण कंपनी और टोरेंट पावर कंपनी के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।बिजली कंपनियों का यह कानूनी कर्तव्य है कि जिस निर्माण के लिए बिजली आपूर्ति मांगी जा रही है, उसकी वैधता से संबंधित दस्तावेजों की पुष्टि किए बिना बिजली की आपूर्ति न करें। केवल हलफनामे या आवेदन के आधार पर बिजली की आपूर्ति नहीं की जा सकती। माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि केवल अधिकृत निर्माणों को ही बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं।
ठाणे मनपा आयुक्त सौरभ राव की अध्यक्षता में हुई बैठक में आज अतिरिक्त आयुक्त प्रशांत रोडे, नगर अभियंता प्रशांत सोनागरा, सहायक निदेशक नगर नियोजन संग्राम कनाडे, उपायुक्त (संपत्ति कर) जी. जी. गोडेपुरे, उपायुक्त (अतिक्रमण विभाग) शंकर पटोले, उपनगरीय अभियंता (विद्युत) शुभांगी केसवानी, विधि अधिकारी मकरंद काले, महावितरण के मुख्य अभियंता संजय पाटिल, अधीक्षण अभियंता युवराज मेश्राम, टोरेंट कंपनी के महाप्रबंधक (वितरण) प्रवीण चंद्र पांचाल, संयुक्त महाप्रबंधक विनय बहल, जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत कोठेकर उपस्थित थे।
—————
(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
You may also like
बिहार में फ्री बिजली का गणित, कैसे मुफ्त में मिलेगी 125 यूनिट; जानें पूरा फॉर्मूला
आज का मौसम 25 जुलाई 2025: दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश के आसार... यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में भी जमकर बरसेंगे बादल, पढ़िए वेदर अपडेट
PM मोदी ब्रिटेन के जिस राजमहल में पहुंचे, उस 'सैंड्रिंघम पैलेस' में आज तक नहीं गया कोई भारतीय नेता!
संपत्ति ˏ की रजिस्ट्री करवाकर ही खुद को मान बैठे हैं मालिक, तो खा जाएंगे धोखा, चाहिए होंगे ये 12 दस्तावेज
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को सहारा या भारत में रोज़गार बढ़ाने का मौका, फ़्री ट्रेड डील से कौन ज़्यादा फ़ायदे में?