Next Story
Newszop

धर्मांतरण मामला : गजवा-ए-हिंद मिशन पर था छांगुर, डायरियों से खुलेंगे अहम राज

Send Push

– विदेशी फंडिंग और हवाला के पैसों को लेकर ईडी की कार्रवाई तेज

बलरामपुर/लखनऊ, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र के निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। छानबीन के दौरान जांच एजेंसियों के हाथ जो सबूत लगे हैं, उससे यह साफ है कि छांगुर लम्बे समय से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा। अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था ने छांगुर के खिलाफ जांच एजेंसियों के कार्रवाई करने की पुष्टि की है।

छांगुर ‘गजवा-ए-हिंद जैसी खतरनाक विचारा से प्रेरिक होकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए धर्मांतरण का काम करने लगा। इस काम के लिए उसने एक बड़ा नेटवर्क बनाया, जिसमें बहुत सारे मुस्लिम लोगाें काे जाेड़कर हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्मांतरण का कार्य करने लगा। भारत में उसका काम अच्छा चलने पर अब वह नेपाल में अपना पांव पसराने लगा था। उसने नेपाल सीमा से सटे कुछ गांवों के युवाओं पर उसकी नजर थी। हालांकि छांगुर को लेकर अभी तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है? इस पर अभी तक काेई अधिकारिक बयान नहीं आया हैं, लेकिन कार्रवाइयां यह बता रही हैं कि छांगुर का मकसद बहुत बड़ा था। जांच टीम के हाथ लगी डायरियाें के पन्ने अब उसके कारनामाें के राज खोलेंगी।

छापेमारी के दौरान ईडी के हाथ लगे अहम सुराग-

अवैध धर्मांतरण के मामले में अब ईडी टीम ने जांच शुरू कर दी है। इसको लेकर गुरुवार को ईडी की 20 टीमों ने लखनऊ, बलरामपुर और मुंबई में 15 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की थी। उतरौला के मधपुर गांव में बने छांगुर के ठिकाने पर ईडी की टीम ने विदेशी फंडिंग और हवाला से पैसों की लेन देन की पड़ताल की। मधपुर कोठी के लिए नीतू को जमीन बेचने वाले इसी गांव के पूर्व प्रधान जुम्मन खां, विक्रेता संतोष, भाई दुर्गेश त्रिगुनायक से भी पूछताछ की गई। छांगुर गिरोह से जुड़े सीजेएम कोर्ट में लिपिक राजेश उपाध्याय के लखनऊ आवास पर ईडी टीम ने छापा मारा। राजेश की पत्नी संगीता ने टीम को बताया कि वह छांगुर की संपत्ति में साझेदार है। पूर्व प्रधान ने बताया कि नीतू को 28 बिस्वा जमीन बेची थी। अन्य लोगों ने पांच बीघा 13 बिस्वा जमीन उन्हें बेची थी, जिसका हिसाब ईडी ने लिया है।

नेपाल सीमा से सटे गांवों में बना रहा था अपनी पैठ-

अवैध धर्मांतरण और फंडिंग को लेकर छानबीन कर रही जांच टीम के हाथ कई सबूत लगे हैं। इसमें एक यह बात सामने निकल कर आयी है कि नेपाल सीमा से सटे गांवों में छांगुर धर्मांतरण के अड्डे खोलने और इस्लामिक मूवमेंट फैलाने की साजिश रच रहा था। उसने 46 गांवों के युवाओं को टारगेट कर एक बड़ी टीम बना ली थी। वह टेरर कैंप बनाना चहता था, जो लोगों को तैयार कर सके। इस काम के लिए उसके पास करीब 10 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना थी। इसके लिए उसके पास विदेशों से भी पैसे आने लगे थे।

कई राज्यों में है नेटवर्क का दायरा-

छांगुर का नेटवर्क केवल यूपी के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। वह सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखता था, ताकि उसकी गतिविधियां गुप्त रहें। उसके नेटवर्क में कई रसूखदार लोग, डॉक्टर और अन्य पेशेवर शामिल थे, जो इस अवैध गतिविधि को बढ़ावा दे रहे थे।

कोठी में बनाया था गुप्त ट्रेनिंग सेंटर-

छांगुर के आलीशान कोठी में तहखाना की तरह कमरे बनाए गए थे। यहां पर अवैध धर्मांतरण और अन्य चीजों की ट्रेनिंग दी जाती थी। वह दुबई से धर्मगुरूओं को बुलवाकर विशेष प्रशिक्षण दिलवाता था और शरिया कानून के बारे में लोगों को बताया जाता था।

इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर के खिलाफ जांच एजेंसी अपने स्तर पर कार्रवाइयां कर रही हैं। उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

————–

(Udaipur Kiran) / दीपक

Loving Newspoint? Download the app now