शिमला, 22 जून (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला में रविवार को लगे भारी ट्रैफिक जाम ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि कई युवाओं के करियर की उम्मीदों को भी तोड़ दिया। JOA-IT परीक्षा देने आए कई अभ्यर्थी सिर्फ पांच मिनट की देरी से परीक्षा केंद्र पहुंचे, लेकिन उन्हें एंट्री नहीं दी गई।
परीक्षार्थियों को सुबह 10:30 बजे तक केंद्र पहुंचना अनिवार्य था, जबकि जाम में फंसने के चलते कुछ उम्मीदवार 10:35 बजे पहुंचे। इतनी मामूली देरी के बावजूद उन्हें परीक्षा हॉल के बाहर ही रोक दिया गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि कुछ मिनट की देरी को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, लेकिन केंद्र पर तैनात स्टाफ ने कोई लचीलापन नहीं दिखाया।
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र में तैनात अधिकारियों का व्यवहार भी उचित नहीं था। एक परीक्षार्थी ने कहा कि हम सालों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। पहले देर से पहुंचने पर कुछ नरमी बरती जाती थी, लेकिन इस बार हमें एक मौका तक नहीं दिया गया।
परेशान अभ्यर्थियों ने परीक्षा दोबारा करवाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जब ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति आम समस्या बन चुकी है तो ऐसे में आयोग को इससे निपटने के लिए लचीली नीति बनानी चाहिए।
गौरतलब है कि यह परीक्षा हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई थी। हालांकि इस मामले में आयोग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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