Prayagraj, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . न्यू अपना चैरिटेबल ब्लड सेंटर समाज को समर्पित है. रक्त केंद्र 24 घंटे प्रतिदिन सेवा में उपलब्ध रहेगा. यह जानकारी sunday को Prayagraj जनपद के जॉर्ज टाऊन स्थित शहीद भगत सिंह की 118 वीं जयंती पर स्थित न्यू अपना ब्लड बैंक का हुआ उद्घाटन के मौके पर मोती लाल नेहरू हॉस्पिटल के सह प्राचार्य प्रसिद्ध सर्जन डॉ संतोष सिंह ने दी.
उन्होंने बताया कि सरकारी नियमों के अनुसार प्रति यूनिट शुल्क क्रमशः पैक्ड रेड ब्लड सेल 1450, प्लाज्मा 400, प्लेटलेट्स 400 रूपये में दी जाएंगी. ब्लड बैंक के शुभारंभ में 70 यूनिट रक्तदान शुरू हुआ और थैलेसीमिया, सिक सेल एनीमिया जैसी निरन्तर रक्त जरूरत पड़ने वाली जटिल बीमारियों के लिए निःशुल्क रक्त मुहैया कराया जाएगा.
मीडिया से रूबरू होते हुए संचालक प्रसिद्ध सर्जन डॉ सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि जेडी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा अन्दावा स्थित अपना ब्लड बैंक से अब तक 10000 मरीजों की मदद की जा चुकी है और लगातार बढ़ते मरीजों को देखते हुए आज शहीद भगत सिंह जयंती के मौके पर मेडिकल कॉलेज के पास जॉर्ज टाऊन क्षेत्र में न्यू अपना ब्लड सेंटर का उद्घाटन किया.
राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष एवं प्रबंधक अपना ब्लड बैंक निखिल श्रीवास्तव और प्रबंधक वीरेंद्र सिंह द्वारा शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रक्तदान शिविर की शुरुआत की गई..!!
सर्वप्रथम प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ सुनील विश्वकर्मा और मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सह प्राचार्य डॉ संतोष सिंह ने रक्तदान किया और फिर रक्तवीरों के हुजूम ने एक-एक करके रक्तदान कर लोगों की जान बचाने का प्रण लिया. सभी रक्तवीरों को सर्टिफिकेट, टीशर्ट, मग देकर सम्मानित किया गया.
उदघाटन के मौके पर मोती लाल नेहरू मेडिकल कालेज के पूर्व आचार्य डॉ.एस.पी. सिंह सहित कई अन्य चिकित्सक और समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे.
—————
(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
You may also like
इंडिया में एंट्री करने की तैयारी कर रही Brixton की ये धांसू मोटरसाइकिल, इसी साल होगी लॉन्च; जानिए खासियत
एस.डी. बर्मन की जयंती पर भावुक हुए जैकी श्रॉफ, बोले- 'आपको याद कर रहा हूं'
वित्तीय अनुशासन के बिना सैन्य शक्ति को नहीं बनाए रखा जा सकताः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
Festive Offier: Hyundai Creta पर 72,000 रुपए तक की बचत, जानें EMI कैलकुलेशन
बदबूदार जूतों ने कैसे दिलाया भारत को इग नोबेल पुरस्कार