निवेशक, पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स, होटल इंडस्ट्री के हितधारक होंगे सम्मिलित
भोपाल, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और ग्वालियर–चंबल एवं सागर संभाग में पर्यटन निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में ग्वालियर में 29 एवं 30 अगस्त को रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले इस रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में केंद्रीय संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, तथा पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी की विशेष उपस्थिति होगी।
राज्य मंत्री लोधी ने बताया कि मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ–साथ पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित की जा रहा है। ग्वालियर के पर्यटन श्रेत्र में निवेश को नया आयाम मिलेगा। “टाइमलेस ग्वालियर: इकोज़ ऑफ़ कल्चर, स्पिरिट ऑफ़ लेगेसी” थीम पर आधारित ये कॉन्क्लेव पर्यटन निवेश, सांस्कृतिक धरोहर, अनुभवात्मक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि कॉन्क्लेव में होटल, रिसोर्ट, वेलनेस और ईको-टूरिज्म क्षेत्र के निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) प्रदान किए जाएंगे, एमओयू एवं अनुबंध होंगे। इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदाय को पर्यटन आधारित रोजगार प्राप्त होगा और क्षेत्रीय पर्यटन को स्थायित्व के साथ बल मिलेगा। क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण घाेषणाएं होंगी। विशेष पर्यटन प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें मध्यप्रदेश के विविध पर्यटन स्थलों, पर्यटन इकाइयों, होस्पिटैलिटी ब्रांड्स, होमस्टे, रिसॉर्ट्स, हैंडलूम/हैंडिक्राफ्ट, साहसिक गतिविधियों और सांस्कृतिक धरोहरों को समर्पित स्टॉल लगाए जाएंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में दो महत्वपूर्ण सत्र होंगे। “टूरिज़्म ऐज़ अ कल्चरल ब्रिज–ब्रांडिंग ग्वालियर एंड हार्टलैंड ऑफ़ एमपी” विषय पैनल डिस्कशन होगा, जिसमें ग्वालियर की सांस्कृतिक धरोहर, शास्त्रीय संगीत और स्थापत्य कला को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की रणनीतियों पर विचार होगा। दूसरा पैनल डिस्कशन “ग्वालियर एंड चंबल राइजिंग–इनबाउंड अपील थ्रू हेरिटेज, लग्ज़री एंड एक्सपीरियंस” विषय पर केंद्रित होगा, जिसमें विरासत, लग्ज़री स्टे, डेस्टिनेशन वेडिंग और अनुभवात्मक पर्यटन जैसे नए आयामों पर संवाद होगा।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
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