कोलकाता, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को धर्मतला में आयोजित वार्षिक ‘शहीद श्रद्धांजलि सभा’ में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। ममता ने केंद्र सरकार पर बंगाल के लोगों के अधिकार छीनने, अपमान करने और लोकतंत्र को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता में जब तक परिवर्तन नहीं होता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन की शुरुआत 1993 के 21 जुलाई की उस घटना से की। उन्होंने कहा कि उस दिन मैंने मौत को करीब से देखा, लेकिन पीछे नहीं हटी। शहीदों की कुर्बानी ने बंगाल में बदलाव की बुनियाद रखी। ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा की साजिशें आज भी जारी हैं। चुनाव के पहले एक सर्कुलर जारी कर बंगाल के हजार से अधिक लोगों को मध्यप्रदेश, ओडिशा और राजस्थान की जेलों में बंद कर दिया गया। लोकतंत्र में यह कैसा अन्याय है? ममता ने आगे कहा कि तृणमूल सरकार केंद्र की बर्बरता के बावजूद राज्य की सेवा करती रहेगी। फंड रोकने के बावजूद हमने गरीबों को घर दिए, धार्मिक स्थलों का विकास किया और राज्य की परिवहन व्यवस्था को बेहतर किया। आज हमने बंगाल में बेरोजगारी को 40 प्रतिशत तक घटाया है, यह किसी छोटी उपलब्धि से कम नहीं। वामपंथी दलों पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा कि माकपा सोशल मीडिया पर पैसे खाकर बैठी है। आरोप लगाया कि ये लोग भाजपा के साथ मिलकर बंगाल की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं।
सभा के दौरान ममता बनर्जी ने पहलगांव आतंकी हमले में मारे गए बंगाल के तीन लोगों बितन अधिकारी, मनीष रंजन मिश्रा और समीर गुहा के परिजनों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हम इनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।
मंच पर पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2026 के बाद बंगाल में भाजपा का नामोनिशान नहीं रहेगा। अभिषेक ने दावा किया कि भाजपा के पास तृणमूल जैसा समर्पित कार्यकर्ता नहीं है। उन्हें अगले 100 वर्षों तक भी बंगाल में सत्ता नहीं मिलेगी। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और चुनाव आयोग के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वोटर लिस्ट से नाम हटवाने के लिए इन दोनों संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही है लेकिन हम न डरेंगे, न झुकेंगे।
सभा में पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। हकीम ने कहा कि यह स्वामी विवेकानंद और रवींद्रनाथ ठाकुर का बंगाल है। यहां सांप्रदायिक राजनीति नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि अगर बंगालियों का अपमान हुआ तो हम गरज कर जवाब देंगे।
मुकुल संगमा ने पूर्वोत्तर भारत की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा बंटवारे की राजनीति कर रही है, लेकिन बंगाल और पूर्वोत्तर इसकी इजाजत नहीं देंगे।
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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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