जम्मू, 5 मई . स्थानीय आबादी के साथ संबंधों को मजबूत करने के अपने चल रहे प्रयासों के तहत भारतीय सेना ने पुंछ के मस्तंधरा और राजौरी के थानामंडी में समाज में महिलाओं की भूमिका पर एक व्याख्यान आयोजित किया. इस पहल का उद्देश्य स्थानीय लोगों और छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाना था कि राष्ट्र निर्माण में माताओं, शिक्षकों, नेताओं और पेशेवरों के रूप में महिलाएं महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.
व्याख्यान के दौरान सेना के प्रतिनिधियों ने बालिका शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि शिक्षा महिला सशक्तिकरण का एक प्रमुख स्तंभ है. यह उल्लेख करते हुए कि भारत की लगभग 48 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है, सेना ने समाज के हर क्षेत्र में उनकी अपरिहार्य उपस्थिति को रेखांकित किया. इस कार्यक्रम में 67 व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया – जिसमें मस्तंधरा में 15 महिलाएँ, 5 पुरुष और 10 बच्चे तथा थानामंडी में 37 महिलाएँ शामिल थीं. इस प्रयास की आवाम द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई विशेष रूप से उन दूरदराज के क्षेत्रों में जहाँ नागरिक प्रशासनिक पहुँच सीमित है.
इस पहल ने न केवल राष्ट्रीय सेवा के लिए भारतीय सेना के समर्पण को रेखांकित किया बल्कि पुंछ और राजौरी में सेना और स्थानीय समुदायों के बीच मज़बूत विश्वास और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक पुल के रूप में भी काम किया.
/ राहुल शर्मा
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