शिमला, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर 13 अक्टूबर को Himachal Pradesh के छह बार Chief Minister रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण भव्य कार्यक्रम में किया जाएगा. इस ऐतिहासिक अवसर पर कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व शिरकत करेगा. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, हिमाचल कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता इस आयोजन में भाग लेंगे. प्रदेश सरकार ने इसे राजकीय कार्यक्रम घोषित किया है. Chief Minister सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपChief Minister मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह इस कार्यक्रम के प्रमुख आयोजकों में शामिल हैं.
वीरभद्र समर्थकों में अनावरण समारोह को लेकर खासा उत्साह
वीरभद्र सिंह की इस प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस पार्टी और उनके समर्थकों में खासा उत्साह है. यह केवल कांग्रेस का कार्यक्रम नहीं, बल्कि Himachal Pradesh की जनता की भावनाओं से जुड़ा हुआ एक विशेष आयोजन है. राजा वीरभद्र सिंह को प्रदेश का जननायक माना जाता है और उनका इस रूप में सम्मान करना उन हजारों समर्थकों के लिए गर्व का क्षण होगा जो उन्हें अपना मार्गदर्शक और हिमाचल का निर्माता मानते रहे हैं. 13 अक्टूबर को होने वाले इस कार्यक्रम में शिमला सहित पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं, समर्थकों और आम नागरिकों के पहुंचने की उम्मीद है. विशेषकर शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से भारी संख्या में लोगों के आने की योजना है, क्योंकि यही क्षेत्र वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि रहा है. वर्तमान में उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह इसी क्षेत्र से विधायक हैं. जानकारी अनुसार विधानसभा क्षेत्र की दूरदराज पंचायतों से 50-50 और पास की पंचायतों से 100-100 लोगों को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके अलावा नगर निगम के वार्डों से भी 100-100 लोगों को लाया जाएगा. कार्यक्रम में आने वाले लोगों के लिए परिवहन और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है.
खास ब्रॉन्ज मिश्र धातु से बनी है प्रतिमा, छह फुट है उंचाई
प्रतिमा शिमला के रिज मैदान पर दौलत सिंह पार्क में स्थापित की गई है. यह वही स्थान है जहां पहले से हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और अटल Biharी वाजपेयी जैसी महान हस्तियों की प्रतिमाएं लगी हुई हैं. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा डॉ. वाईएस परमार की प्रतिमा के बिल्कुल बगल में स्थापित की गई है. ऊंचाई में यह उनसे थोड़ी छोटी है. इस छह फुट ऊंची प्रतिमा को नोएडा में तैयार किया गया है, जहां कुशल कारीगरों ने महीनों की मेहनत से इसे आकार दिया. इसका वजन लगभग 650 किलोग्राम है. यह विशेष ब्रॉन्ज मिश्र धातु से बनी है, जो मौसम प्रतिरोधी और लंबे समय तक टिकाऊ रहेगी. प्रतिमा को सफेद ग्रेनाइट पत्थर के प्लेटफार्म पर स्थापित किया गया है, जिस पर लिखा गया है – आधुनिक हिमाचल निर्माता – वीरभद्र सिंह, और नीचे अंकित है – हिमाचल के हर क्षेत्र, हर वर्ग का समान विकास.
प्रतिमा जून माह में स्थापित, आपदा के कारण टला कार्यक्रम
प्रतिमा को जून 2025 में ही रिज मैदान पर स्थापित कर दिया गया था, लेकिन मौसम और प्राकृतिक आपदा के कारण अनावरण संभव नहीं हो पाया. प्रतिमा का अनावरण सबसे पहले 23 जून 2025 को वीरभद्र सिंह की जयंती पर निर्धारित था, लेकिन लेकिन कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर इसे 15 जुलाई तक टाल दिया गया. इसके बाद भारी बारिश व भूस्खलन से तबाही की वजह से 15 जुलाई का कार्यक्रम भी स्थगित हो गया. दरअसल, उस समय प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से हालात खराब हो गए थे. समारोह को स्थगित करते हुए वीरभद्र सिंह फाउंडेशन ने आपदा पीड़ितों की सहायता हेतु मंडी के उपायुक्त को 11 लाख रुपये की राशि बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित की. सितंबर महीने में वीरभद्र सिंह फाउंडेशन के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने घोषणा की थी कि प्रतिमा का अनावरण 13 अक्तूबर को किया जाएगा.
वीरभद्र सिंह की गिनती कदावर नेताओं में, छह बार रहे सीएम
वीरभद्र सिंह का जीवन और उनका राजनीतिक सफर हिमाचल की राजनीति का एक अमूल्य अध्याय रहा है. उनका जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में हुआ था. वे बुशहर रियासत के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे और उन्हें लोग स्नेहपूर्वक श्राजा साहिबश् कहकर संबोधित करते थे. उनकी शिक्षा देहरादून के कर्नल ब्राउन स्कूल, शिमला के सेंट एडवर्ड्स और बिशप कॉटन स्कूल, और दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज में हुई.
राजनीति में उन्होंने लंबा और प्रभावशाली सफर तय किया. वे छह बार Himachal Pradesh के Chief Minister बने और कई बार विधायक, सांसद तथा केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक, उन्होंने हर भूमिका में प्रदेश के विकास को प्राथमिकता दी. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उनके कार्य आज भी राज्य के कोने-कोने में दिखाई देते हैं.
वीरभद्र सिंह का निधन 8 जुलाई 2021 को 87 वर्ष की आयु में हुआ, लेकिन उनके योगदान को आज भी श्रद्धा से याद किया जाता है. उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह वर्तमान में Himachal Pradesh कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और सांसद भी रह चुकी हैं, जबकि बेटे विक्रमादित्य सिंह राज्य सरकार में मंत्री हैं.
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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