अनूपपुर, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के अनूपपुर जिले की नगर परिषद डोला, डूमरकछार और बनगवां में पंचायतकॉलीन कर्मियों का नियम विरूद्ध संविलियन मामले की जांच में पुष्टि होने के बाद भी दो वर्ष में एफआईआर दर्ज नहीं हुई. एक बार फिर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग कुंभकरणीय नींद से जागा और इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल से अपर संचालक अनिल कुमार गोड़ ने शहडोल के संयुक्त संचालक (जेडी) से एफआईआर के बारे में जानकारी मांगी तो जेडी ने एक अक्टूबर 2025 को एक बार फिर सीएमओ नगर परिषद डोला को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है.
खास बात यह है कि वर्तमान जेडी आरपी मिश्रा के इस पत्र से 20 माह पहले तत्कॉलीन शहडोल जेडी आरपी सोनी ने रामनगर पुलिस को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने की बात कही थी, तब रामनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. इस बार पत्राचार पर रामनगर थाना प्रभारी का कहना है कि नगरीय प्रशासन द्वारा जिस जांच प्रतिवेदन और पत्र क्रमांक का हवाला देकर एफआईआर दर्ज करने की बात कही जा रही है, उस पत्र को हाईकोर्ट ने डिसमिस कर दिया है. अब कार्रवाई के लिए जरूरी है कि नई एसआईटी के माध्यम से नए जांच प्रतिवेदन के साथ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. इसके अलावा जेडी शहडोल द्वारा सीधे थाने को पत्र लिखा जा रहा है, जबकि उन्हें कलेक्टर अनूपपुर व एसपी के माध्यम से पत्र भेजना चाहिए. थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि तकनीकी त्रुटि में सुधार की जानकारी डोला सीएमओ को 20 माह पहले ही दी गई थी, तब से लेकर अब तक ध्यान नहीं दिया गया था.
20 माह पहले के पत्र में यह बात कही गई
गौरतलब है कि फरवरी 2024 को तत्कॉलीन संयुक्त संचालक आरपी सोनी द्वारा थाना प्रभारी रामनगर को पत्र जारी कर तत्कॉलीन डिप्टी कलेक्टर अनूपपुर विजय कुमार डहेरिया, नायब तहसीलदार बदरा दीपक तिवारी, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन मकबूल खान, उपयंत्री नगर पालिका कोतमा संदीप सिंह उरैती, सीएमओ डोला रामसेवक हलवाई, सीएमओ कोतमा विकास चंद्र मिश्रा, सरपंच डोला शांति देवी और सचिव राज किशोर शर्मा के खिलाफ जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति के साथ एफआईआर दर्ज करने कहा गया था.
एफआईआर दर्ज नहीं होने पर भोपाल में अधिकारियों ने जताई नाराजगी जेडी शहडोल आरपी मिश्रा द्वारा एक अक्टूबर को सीएमओ डोला में नाम एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पत्र लिखा गया है. इसमें जेडी ने यह भी कहा है कि प्रकरण विधानसभा आश्वासन से संबंधित है. इस कारण अपर मुख्य सचिव द्वार नाराजगी जताई जा रही है.
ऐसे हुई थी गड़बड़ी
अनूपपुर जिले के डोला, डूमरकछार और बनगवां व शहडोल जिले के बकहो नगर परिषद गठन के दौरान जिन कर्मचारियों को पंचायत में काम करना बताया गया, उनमें से अधिकांश काम नहीं कर रहे थे. जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई कि ज्यादातर कर्मचारी नेताओं के रिश्तेदार थे या भर्ती टीम में शामिल कर्मचारियों के करीबी. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई सरकारी सिस्टम की बली चढ़ गया और अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई. दूसरी ओर जिन कर्मचारियों पर आरोप लगा था वे वापस काम में आकर पुराना वेतन भी आहरित करवा लिया.
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
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