–खुशनुमा जीवन का आधार-परमात्मा से रियल कनेक्शन
प्रयागराज, 07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । संसार के सभी मनुष्य अपने जीवन में सुख और शांति चाहते हैं। जीवन का मुख्य उद्देश्य ही खुशी को प्राप्त करना है। परंतु दुर्भाग्यवश आज के समय में हम सभी खुशी भौतिक साधनों में ढूंढ़ते हैं। जिससे हमें कुछ समय के लिए इंद्रिय सुख तो मिल जाता है, परंतु जीवन में स्थाई सुख शांति नहीं रहती और हम निरंतर उसकी चाह में इधर-उधर भटकते रहते हैं।
यह बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा धनुआ में आयोजित तीन दिवसीय राजयोग शिविर के दूसरे दिन रविवार को खुशनुमा जीवन का आधार परमात्मा कनेक्शन विषय पर मुम्बई से आए प्रोफेसर ईवी गिरीश ने कही।
उन्होंने कहा कि हमें अगर कुछ चाहिए तो हमें उस व्यक्ति से सम्पर्क करना होता है जिसके पास वह वस्तु है, संसार में हम सभी का अनुभव है कि स्थाई सुख शांति कहीं नहीं है। वास्तव में स्थाई सुख शांति का भंडार केवल परमपिता परमात्मा ही है। इसलिए हमें उनको जानकर, पहचान कर और दिल से उसके साथ कनेक्शन जोड़ने से हमारे जीवन में भी स्थाई सुख और शांति आ सकती है।
ब्रह्माकुमारीज की क्षेत्रीय निदेशिका मनोरमा दीदी ने बताया की राजयोग शिविर के दूसरे दिन करीब 800 भाई-बहनों ने इसका लाभ लिया। इसके अतिरिक्त सुबह भी ब्रह्माकुमारीज के सदस्यों के लिए तपस्या भट्टी कार्यक्रम रखा जाता है।
कार्यक्रम में प्रयागराज कमिश्नरेट के डीआईजी सहित विश्वामित्र सिनेप्लेक्स के डायरेक्टर बृजेश दुग्गल, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज के पूर्व डीन पीयूष रंजन अग्रवाल, प्रिंसिपल शालिनी श्रीवास्तव मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
मनोरमा दीदी ने बताया कि 8 सितम्बर को शिविर का समापन रहेगा, जिसमें प्रोफेसर ई वी गिरीश राजयोग मेडिटेशन के बारे में जानकारी देंगे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
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