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नेरी शोध संस्थान और एनआईटी हमीरपुर के बीच हुआ समझौता, भारतीय ज्ञान परंपरा और तकनीकी नवाचार पर करेंगे संयुक्त शोध

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हमीरपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर के बीच अकादमिक गतिविधियों और शोध के क्षेत्र में सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा, इतिहास, लोक कला-संस्कृति, समाज विज्ञान तथा तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान और अकादमिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है।

शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रो. भाग चंद चौहान ने इस अवसर पर कहा कि संस्थान एनआईटी हमीरपुर के साथ मिलकर अकादमिक क्षेत्र में सहभागिता को लेकर उत्साहित है और शोधार्थियों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।

संस्थान के संगठन सचिव डॉ. चेतराम गर्ग ने जानकारी दी कि दोनों संस्थान पहले से ही कुछ संयुक्त शोध परियोजनाओं में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. हीरालाल मुरलीधर सूर्यवंशी और कुलसचिव प्रो. अर्चना ननोटी पिछले वर्ष संस्थान द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय परिसंवाद में अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने इस सहयोग की नींव रखी थी।

एनआईटी के निदेशक प्रो. सूर्यवंशी ने कहा कि यह समझौता हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत में निहित तकनीकी पक्षों को शोध के माध्यम से सामने लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी “लोक विज्ञान” के वैज्ञानिक पक्ष को समाज के समक्ष प्रस्तुत करने में सहायक होगी।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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