जयपुर, 1 मई . देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर नए डिजाइन के डिजिटल क्लॉक लगाने की योजना बनाई है. क्लॉक की डिजाइन बनाने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. रेलवे बोर्ड से प्राप्त सूचना के अनुसार सभी स्टेशनों की डिजिटल घड़ियों को मानकीकृत करने के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है जिसके तहत पेशेवर, कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी स्टूडेंट तथा स्कूली छात्रों के लिए तीन अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं.
तीनों श्रेणियों को मिलाकर भारतीय रेल में उपयोग के लिए चयनित डिजाइन बनाने वाले किसी एक विजेता को पांच लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार दिया जाएगा. तीनों श्रेणियों में 50-50 हजार रुपयेए के पांच-पांच सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे. इस प्रतियोगिता के तहत 1 से 31 मई तक प्रतिभागियों को डिजिटल घड़ी का डिजाइन ऑनलाइन माध्यम से जमा करना है. स्कूली छात्र कैटेगरी में 12वीं तक के छात्रों को शामिल किया गया है जिसके लिए उन्हें स्कूल का पहचान पत्र जमा करना होगा. इसी तरह कॉलेज के छात्र कैटेगरी में वैसे लोगों को शामिल किया गया है जो किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहे हों. शेष सभी लोगों को प्रोफेशनल कैटेगरी में रखा जाएगा.
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रचार) दिलीप कुमार के अनुसार हाई रेजोल्यूशन वाली डिजाइन जिसमें वाटर मार्क या लोगो ना हो, को ईमेल के माध्यम से भेजना है और साथ में मौलिकता का प्रमाण पत्र भी प्रतिभागियों को देना है. सभी प्रतिभागियों को एक से अधिक डिजाइन जमा करने की छूट दी गई है. प्रतिभागियों को अपने डिजाइन के साथ ही डिजाइन के विषय के बारे में एक संक्षिप्त अवधारणा नोट भी जमा करना है. प्रतिभागियों को यह भी सुनिश्चित करना है कि उनका डिजाइन मौलिक है और बौद्धिक संपदा या किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था के कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं करता है.
—————
/ राजेश
You may also like
Kesari Chapter 2 की बॉक्स ऑफिस यात्रा: Raid 2 के बीच भी मजबूत प्रदर्शन
बाघों के ट्रांसलोकेशन के तहत कॉर्बेट रिजर्व से राजाजी पार्क लाया गया पांचवा बाघ
जिसने इस पेड़ की 1 पत्तियां खा ली 1 दिन लगातार., जड़ से खत्म हो जाएगा उसका थाइराइड, बस जान लें सेवन का सही तरीका … 〥
बैतूल में चल रहा था आईपीएल मैच पर ऑनलाइन सट्टा, एक गिरफ्तार, आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज
राष्ट्रीय पशुधन योजना ने बदली राहुल चौहान की किस्मत, बकरी पालन से बने आत्मनिर्भर