बलरामपुर, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन किया। लेकिन जिले के कुछ स्कूलों में अभी भी शाला प्रवेश के बावजूद बच्चों को पाठ्यपुस्तके उपलब्ध नहीं कराई गई है, जबकि कुछ स्कूलों में किताबों का वितरण कर दिया गया हैं। इस पर पालकों और जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई है।
स्कूलों में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में यह बात सामने आई कि छात्र छात्राएं अब तक किताबों के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पा रहे है जबकि अब तक हर वर्ष स्कूलों को किताबे उपलब्ध करा दी जाती थी, लेकिन इस बर्ष शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते अब तक जिले के कुछ स्कूलों में छात्र-छात्राएं किताबों से वंचित है। मजबूरीवश उन्हें पुरानी, कटे फटे और अधूरी किताबों से पढ़ाई करनी पड़ रही है, जिससे उनका शैक्षणिक विकास प्रभावित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि, जिले में 16 जून से शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक कुछ सरकारी और निजी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच पाई हैं। कुछ सरकारी स्कूलों में किताबें पहुंचनी शुरू तो हो गई हैं, लेकिन वो भी आधी अधूरी। बलरामपुर के अलावा वाड्रफनगर, रामानुजगंज, राजपुर और शंकरगढ़ में भी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची हैं। स्कूलों में पहली से 10वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की सभी किताबें निःशुल्क दी जाती हैं।
जल्द पुस्तक वितरण की जाएगी-मिश्र
इस संबंध में आज शनिशार काे जिला शिक्षा अधिकारी डी. एन. मिश्र ने बताया कि, कुछ स्कूलों में बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध हुई हैं और कुछ को बाकी है। इसके लिए पाठ्य पुस्तक निगम के सम्पर्क में हैं। जल्द ही किताबें आने के बाद छात्र-छात्राओं को वितरित कर दिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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