नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (23 मई, 2025) नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है.पीएम मोदी ने कहा, “पूर्वोत्तर हमारे लिए सिर्फ दिशा नहीं है, इसका मतलब है सशक्त बनाना, मजबूत बनाना और बदलाव लाना. पूर्वोत्तर क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति देख रहा है, हम इसकी विकास गाथा को गति देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. एक समय था जब पूर्वोत्तर को केवल सीमांत कहा जाता था, अब यह विकास में अग्रणी है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है, शांति और कानून-व्यवस्था. आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी. हमारी सरकार शून्य सहिष्णुता की नीति पर चलती है. एक समय था जब नॉर्थ-ईस्ट के साथ ‘बम और बंदूक’ का नाम जुड़ा हुआ था. इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ता था. उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए.”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा ध्यान नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए. युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया. पिछले 10-11 साल में 10,000 से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है. आज नॉर्थ ईस्ट युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं.”
पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा, “विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है. नॉर्थ ईस्ट पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है. हमारे लिए ‘EAST’ का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है. हमारे लिए EAST का मतलब है, ‘एम्पावर, एक्ट, स्ट्रैंथ और ट्रांस्फॉर्म’. पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है…”
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