राजस्थान के डीडवाना जिले के मकराना में रेवत डूंगरी रेंज में छह संगमरमर खदानें रविवार सुबह अचानक ढह गईं। इस हादसे में करीब दो करोड़ रुपये की क्रेन और मशीनरी मलबे में दब गई। इसके अलावा, लाखों टन मलबे के कारण करोड़ों रुपए मूल्य का तैयार संगमरमर भी नष्ट हो गया। सौभाग्य से खदान में कोई श्रमिक नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
बारिश के कारण दुर्घटना हुई
मकराना में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण खदानों के अगले हिस्से में दरारें पड़ गई हैं। इन दरारों के कारण खदानों के ढहने का खतरा पहले से ही था। आज सुबह छह खदानें अचानक मलबे में बदल गईं, जिनमें एक क्रेन भी शामिल थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि खदान मालिकों ने खतरे को नजरअंदाज कर दिया और खनन जारी रखा।
अवैध खनन पर सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ध्वस्त हुई किसी भी खदान में खनिज विभाग के नियमों का पालन नहीं किया गया। किसी भी खदान मालिक ने कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया था। लोगों का कहना है कि अवैध खनन के कारण पहले भी कई खदानें ध्वस्त हो चुकी हैं। नियमों की अनदेखी से न केवल श्रमिकों का जीवन खतरे में पड़ गया है, बल्कि उनके आसपास के लोगों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है।
सड़क संकरी है, जान खतरे में है।
अवैध खनन के कारण खदानों के पास की सार्वजनिक सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। यह सड़क अब इतनी संकरी हो गई है कि लोग खदानों के किनारे से यात्रा करते समय जोखिम उठा रहे हैं। इस सड़क की मरम्मत में एक वर्ष तक का समय लग सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
प्रशासन की चुप्पी
इस दुर्घटना के बाद खदान मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। लेकिन स्थानीय लोग प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई की गई होती तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी। खनिज विभाग ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
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