केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा डिफेमेशन केस वापस लेने की मंशा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शेखावत ने कहा कि वह कभी नहीं भूल सकते उस पल को जब गहलोत ने उनकी दिवंगत माता के खिलाफ सर्किट हाउस के बाहर अमर्यादित टिप्पणी की थी। शेखावत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि केस वापसी का कोई सवाल ही नहीं उठता।
🔹 शेखावत का बयानगजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने बयान में कहा, "अशोक गहलोत ने मेरे परिवार के खिलाफ अमर्यादित बातें कीं, और यह बात मुझे कभी नहीं भूल सकती। यह सिर्फ व्यक्तिगत अपमान नहीं था, बल्कि एक नैतिक घात था। जब गहलोत ने मेरी दिवंगत मां के खिलाफ टिप्पणी की थी, तब मैंने ठान लिया था कि इस अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
शेखावत ने यह भी साफ किया कि इस प्रकार की टिप्पणियों को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, और उन्होंने केस वापसी की किसी भी मंशा को ठुकरा दिया।
🔹 गहलोत का रुखपूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में कहा था कि वह डिफेमेशन केस को वापस लेने का विचार कर रहे हैं और राजनीतिक विवादों को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। गहलोत का कहना था कि इस मुद्दे को सुलह से हल किया जा सकता है, ताकि राजनीति में बढ़ते विवादों से बचा जा सके।
🔹 राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपगजेन्द्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत के बीच यह बयानबाजी राजनीतिक मतभेदों और व्यक्तिगत अपमान की ओर इशारा करती है। यह दिखाता है कि यह मामला सिर्फ एक डिफेमेशन केस नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का भी हिस्सा बन चुका है।
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