इन दिनों चैत्र नवरात्रि चल रही है। आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप यानी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा को शांत, सौम्य और स्नेहिल माना जाता है, जो अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। ऐसा ही एक मंदिर सरोवर नगरी नैनीताल में मौजूद है। ये मंदिर मां नैना या नैना देवी का है। जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इसकी मान्यता भी भगवान शिव से जुड़ी हुई है।
नैनीताल में गिरा था मां सती का नेत्र: मान्यता है कि यहां देवी सती का नेत्र गिरा था. इसके बाद मां नैना देवी यहीं यानी नैनीताल में स्थापित हुईं. देवी पार्वती के शरीर के टुकड़े होने के बाद उनकी बाईं आंख यहां गिरी थी. पुराणों में वर्णित है कि देवी पार्वती के पिता दक्ष प्रजापति ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया था, लेकिन भगवान शिव को इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया गया था. माता पार्वती बिना आमंत्रण के अपने पिता के यहां हो रहे अनुष्ठान में पहुंच गईं। वहां उन्होंने देखा कि अनुष्ठान के दौरान ऋषि-मुनियों समेत सभी देवी-देवताओं के बैठने के लिए उपयुक्त स्थान था, लेकिन उनके पति यानी भगवान शिव के लिए कोई स्थान नहीं रखा गया था, जिससे मां पार्वती काफी आहत हुईं और अपने पति का अपमान सहन नहीं कर सकीं।
पिता द्वारा पति की उपेक्षा से दुखी होकर देवी पार्वती यज्ञ के हवन कुंड में कूद गईं और सती हो गईं। मां के सती होने की खबर पाकर भगवान शिव काफी क्रोधित हुए। उन्होंने पार्वती के शरीर को अग्नि कुंड से बाहर निकाला और ब्रह्मांड की परिक्रमा करने लगे। भगवान शिव के क्रोध को देखकर ब्रह्मांड में हाहाकार मच गया और प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा।
ब्रह्मांड का असंतुलन बिगड़ने से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। तब ब्रह्मांड के पालनहार भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े कर दिए। जिसमें मां पार्वती की बाईं आंख यहां यानी नैनीताल में गिरी थी। जिसके बाद इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। कहा जाता है कि जहां-जहां मां सती के शरीर के अंग गिरे, उन जगहों पर शक्ति पीठ बन गए, उन्हीं शक्ति पीठों में से एक नैनीताल में भी स्थित है।
मां नैना देवी अपनी आंखों से दुख-दर्द दूर करती हैं: मां नैना यहां नैना रूपी भगवती के रूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा हर इंसान के दुख-दर्द को अपनी आंखों से देखती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। नवरात्रि के दौरान लगातार नौ दिनों तक मां नैना देवी मंदिर में भव्य पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान मां नैना देवी मंदिर में भक्त मां की आराधना में लीन नजर आते हैं।
वहीं, नैनीताल में नवरात्रि के मौके पर मां नैना देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मां नैना देवी के दर्शन के लिए लोगों की लंबी कतारें लग रही हैं, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आए पर्यटक भी शामिल हैं। नैना देवी के अलावा पाषाण देवी मंदिर, गोलू देवता मंदिर, हनुमानगढ़, शीतला देवी, गंगानाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है.
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