राजस्थान सरकार ने मिड-डे मील योजना में एक अहम बदलाव किया है, जो बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब थाली में परोसे जाने वाले भोजन को सिर्फ़ सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि अब बच्चों के पोषण और मौसम के हिसाब से नए और पौष्टिक फूड आइटम मेन्यू में जोड़े जाएंगे।
राज्य सरकार ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत, अब स्कूलों में बच्चों के लिए फलों, हरी सब्जियों और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर जोर दिया जाएगा। खासतौर पर, मौसम के अनुसार ठंडी और गर्मी को ध्यान में रखते हुए मिड-डे मील के मेन्यू में बदलाव किए जाएंगे।
सरकार का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य बच्चों के समग्र पोषण स्तर को सुधारना है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार हो। इसके अलावा, शिक्षा विभाग का मानना है कि स्वस्थ बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे भविष्य में उनकी सफलता की संभावनाएं बढ़ती हैं।
राज्य सरकार ने इस कदम को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण माना है, जो स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील को ही मुख्य भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं।
वर्तमान में मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को आहार के रूप में दाल, चावल, रोटियां और कभी-कभी सब्जियां दी जाती हैं। अब इस योजना में बदलाव करने के बाद, बच्चों को पोषण से भरपूर फूड आइटम जैसे सूप, सलाद, मौसमी फल और हेल्दी स्नैक्स भी मिलेंगे।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि सभी स्कूलों में स्वच्छता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि बच्चों को न केवल स्वस्थ और पौष्टिक भोजन मिले, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित हो।
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