दुनिया की दो दिग्गज टेक कंपनियां – Apple और Meta – इन दिनों एक ऐसे AI प्लेटफॉर्म को अपने सिस्टम में शामिल करने की होड़ में हैं, जो भविष्य के सर्च और पर्सनल असिस्टेंट एक्सपीरियंस को पूरी तरह बदल सकता है। यह प्लेटफॉर्म है Perplexity AI, जिसे लेकर अब दोनों कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है।
क्या है Perplexity AI?Perplexity AI एक AI-पावर्ड सर्च इंजन है, जो पारंपरिक चैटबॉट से कहीं ज्यादा एडवांस है। यह गूगल सर्च और ChatGPT का हाइब्रिड वर्जन माना जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है — रियल टाइम वेब सर्च को नेचुरल लैंग्वेज में बदल देना, जिससे यूजर को फास्ट और ज्यादा सटीक जवाब मिलते हैं।
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यह हर महीने 780 मिलियन से ज्यादा क्वेरीज को प्रोसेस करता है।
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तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और रियल टाइम अपडेट के साथ यह AI सर्च के नए स्टैंडर्ड सेट कर रहा है।
Apple का वॉयस असिस्टेंट Siri, अब तक गूगल असिस्टेंट और अन्य AI टूल्स से पीछे रहा है। Perplexity को इंटीग्रेट करने से Siri को:
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तेज, ज्यादा इंटेलिजेंट और कॉन्टेक्स्ट-अवेयर बनाया जा सकता है।
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इससे iOS यूजर को गूगल सर्च की बजाय Apple AI पर भरोसा करना आसान होगा।
Meta लंबे समय से AI चैटबॉट्स और असिस्टेंट पर काम कर रही है। अगर Perplexity को वह अपने प्लेटफॉर्म जैसे WhatsApp, Messenger और Instagram में जोड़ती है:
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यूजर को चैट में ही स्मार्ट और रियल-टाइम जवाब मिल सकते हैं।
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Meta का पूरा AI पावर्ड प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और मजबूत हो जाएगा।
Perplexity AI को लेकर इस प्रतिस्पर्धा का सबसे बड़ा असर गूगल पर पड़ सकता है। लंबे समय से गूगल सर्च इंजन मार्केट पर राज कर रहा है, लेकिन Perplexity जैसे AI पावर्ड सर्च टूल्स इस दबदबे को चुनौती दे रहे हैं।
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Perplexity अधिक कन्वर्सेशनल, कॉन्टेक्स्ट-सेन्सिटिव और यूजर-फ्रेंडली अनुभव देता है।
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यह अगली पीढ़ी के AI-संचालित इंफॉर्मेशन एक्सेस सिस्टम का चेहरा बन सकता है।
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