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ACB का बड़ा एक्शन: सवाई माधोपुर तहसील में UDC और वकील रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, तहसीलदार की भूमिका भी जांच के घेरे में

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राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। सवाई माधोपुर जिले की गंगापुर सिटी तहसील में सोमवार को एसीबी ने तहसील कार्यालय में तैनात UDC (Upper Division Clerk) और एक दलाल वकील को ₹75,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

इस कार्रवाई से तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया है। खास बात यह रही कि इस दौरान तहसीलदार भी वहीं मौजूद थे, जिनकी भूमिका अब जांच के घेरे में है।

क्या है पूरा मामला?

एसीबी के एएसपी ज्ञान सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसने हाल ही में एक जमीन खरीदी है, जिसकी रजिस्ट्री के लिए तहसील कार्यालय से ₹1 लाख की रिश्वत की मांग की जा रही थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने इसकी गहराई से जांच की और आरोपों की पुष्टि होते ही कार्रवाई को अंजाम दिया।

UDC और वकील पकड़े गए रंगेहाथ

ACB ने तहसील कार्यालय में जाल बिछाकर UDC जय शर्मा और वकील हरी प्रसाद उर्फ सोनू शाक्यवार को ₹75,000 की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। यह राशि जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के एवज में मांगी गई थी।

गौरतलब है कि एसीबी की टीम ने इस पूरे ऑपरेशन को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया, ताकि रिश्वत की रकम लेते वक्त आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा जा सके।

तहसीलदार की भूमिका भी जांच में

ACB की टीम के अनुसार, गंगापुर सिटी के तहसीलदार ब्रजेश सिहरा भी कार्रवाई के समय कार्यालय में मौजूद थे। इसी कारण अब उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। एसीबी ने स्पष्ट किया है कि तहसीलदार की संलिप्तता की गहन जांच की जा रही है और यदि कोई संदिग्ध भूमिका सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

लंबे समय से मिल रही थीं शिकायतें

एएसपी ज्ञान सिंह ने यह भी बताया कि तहसील कार्यालय को लेकर लंबे समय से रिश्वतखोरी की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों की पुष्टि और जांच के बाद ही यह ट्रैप ऑपरेशन चलाया गया। उन्होंने कहा कि एसीबी अब आगे भी ऐसे मामलों पर सतर्क निगाह बनाए रखेगी और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसीबी की लगातार कार्रवाई से मचा हड़कंप

राज्य में एसीबी लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इससे पहले भी कई जिलों में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। गंगापुर सिटी की यह कार्रवाई भी उसी कड़ी का हिस्सा है और यह संकेत देती है कि अब भ्रष्टाचार करने वालों की खैर नहीं।

राजस्थान में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए एसीबी की सक्रियता काबिल-ए-तारीफ है। गंगापुर सिटी तहसील में UDC और वकील की गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि कानून से बच पाना अब आसान नहीं रहा। जनता के हक और न्याय के लिए ऐसी कार्रवाइयां ज़रूरी हैं, ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे।

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