इंटरनेट डेस्क। सावन का महीना चल रहा हैं और ये भगवान शिव के लिए बड़ा ही पावन महीना है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए इस माह में विशेष रूप से भक्त जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और कांवड़ यात्रा करते हैं। वैसे तो सावन के किसी भी दिन शिव साधना करना उत्तम है लेकिन इस साल दो दिन लगातार महादेव पर जल अर्पित करने का खास संयोग बन रहा है।
सावन में 22, 23 जुलाई का दिन बेहद खास
22 जुलाई 2025 - इस दिन सावन का पहला प्रदोष व्रत है, मंगलवार होने से ये भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा, मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति प्रदोष काल में शिव साधना करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मनोकामनाएं जल्द पूरी होती है।
सावन प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 7.18 - रात 9.22
23 जुलाई 2025 - इस दिन सावन शिवरात्रि है, कांवड़ यात्रा का जल सावन शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है, शिवरात्रि अर्थात शिव की प्रिय रात, क्योंकि ये शिव और शक्ति के मिलन का दिन है ऐसे में जो लोग महादेव की अभी तक पूजा नहीं कर पाएं हो, वो इस दिन जरुर जल अर्पित करें।
pc- bhaskar
You may also like
पश्चिम चंपारण में यूरिया की भारी किल्लत,किसान बेहाल
गुरुग्राम: मॉक एक्सरसाइज में पूर्ण पैमाने पर आपदा प्रतिक्रिया का होगा अभ्यास
पांवटा-शिलाई-गुम्मा नेशनल हाईवे फिर भूस्खलन की चपेट में, जनजीवन प्रभावित
राष्ट्रीय सीनियर किकबॉक्सिंग प्रतियोगिता में हिमाचल ने रचा इतिहास
बगसैड़ के बाद थुनाग में एम-स्वस्थ और ग्रामीण बैंक द्वारा दूसरा निशुल्क चिकित्सा शिविर