कोलकाता। जावेद अख्तर बॉलीवुड में बड़ा नाम हैं। शोले समेत तमाम फिल्मों की स्क्रिप्ट के अलावा लोगों की जुबान पर चढ़ जाने वाले गीत उन्होंने लिखे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद समेत कई मुस्लिम संगठनों को जावेद अख्तर पसंद नहीं। वजह है कि जावेद अख्तर ये कहते हैं कि वो नास्तिक हैं। नतीजे में जमीयत समेत इन मुस्लिम संगठनों ने पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी के मुशायरा कार्यक्रम में जावेद अख्तर को बुलाने का घनघोर विरोध किया। जमीयत समेत मुस्लिम संगठनों के विरोध के कारण पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी को अपना चार दिन का मुशायरा कार्यक्रम रद्द करना पड़ा है।
पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी का कहना है कि अपरिहार्य कारणों से उसने मुशायरा कार्यक्रम रद्द किया। इस मुशायरा कार्यक्रम में सोमवार को जावेद अख्तर को हिस्सा लेना था। बता दें कि पश्चिम बंगाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सिद्दिकुल्लाह चौधरी हैं। वो पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री भी हैं। पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी को जमीयत की तरफ से चिट्ठी भेजी गई थी कि जावेद अख्तर के मुशायरा कार्यक्रम में हिस्सा लेने से राज्य का अल्पसंख्यक समुदाय नाराज हो सकता है। क्योंकि वो इस्लाम के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर चुके हैं। पश्चिम बंगाल ने मुशायरा कार्यक्रम का नाम “हिंदी सिनेमा में उर्दू” रखा था। जावेद अख्तर को इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करने का न्योता दिया गया था।
जावेद अख्तर की वजह से पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी का मुशायरा कार्यक्रम रद्द होने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी के किसी नेता का बयान नहीं आया है। जावेद अख्तर ने भी मौन साध लिया है। पश्चिम बंगाल जमीयत के महासचिव मुफ्ती अब्दुस सलाम का कहना है कि जावेद अख्तर ने इस्लाम का अपमान किया है। इस वजह से उनका विरोध हुआ है। सलाम ने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी अल्पसंख्यकों के लिए है। उसे अल्पसंख्यकों की भावना का सम्मान करना होगा। शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मुस्लिम सेलिब्रिटी का विरोध मुस्लिम संगठनों ने ही किया है। जिसकी वजह से सरकारी संस्थान को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
The post Javed Akhtar: जमीयत समेत कई मुस्लिम संगठनों ने जावेद अख्तर के हिस्सा लेने का किया विरोध, पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी को रद्द करना पड़ा मुशायरा कार्यक्रम appeared first on News Room Post.
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