News India live, Digital Desk: Brain Aneurysm : कल्पना कीजिए कि आपके दिमाग के अंदर एक छोटा सा गुब्बारा है, जो धीरे-धीरे फूल रहा है और आप इस बात से पूरी तरह अनजान हैं। यह गुब्बारा कभी भी फट सकता है और दिमाग में खून फैला सकता है। यह कोई डरावनी कहानी नहीं, बल्कि एक खतरनाक मेडिकल हकीकत है, जिसका नाम है ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ (Brain Aneurysm)।
इसे ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके फटने से पहले अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखते। चलिए, आज इस जानलेवा बीमारी को आसान भाषा में समझते हैं।
क्या होता है ब्रेन एन्यूरिज्म?
हमारे दिमाग में खून पहुंचाने वाली बहुत सारी नसें (धमनियां) होती हैं। जब किसी धमनी की दीवार किसी जगह से कमजोर हो जाती है, तो खून के दबाव से वह जगह एक गुब्बारे की तरह बाहर की ओर फूलने लगती है। यही फूला हुआ हिस्सा ‘एन्यूरिज्म’ कहलाता है। खतरा तब पैदा होता है, जब यह गुब्बारा फट जाता है, जिससे दिमाग के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है। यह एक स्ट्रोक की तरह होता है और बेहद जानलेवा हो सकता है।
जब फटता है यह ‘टाइम बम’, तो दिखते हैं ये लक्षण:
अगर एन्यूरिज्म फट जाए, तो ये लक्षण अचानक और बहुत तेजी से सामने आते हैं। इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
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“जिंदगी का सबसे भयानक सिरदर्द”: ऐसा तेज और अचानक सिरदर्द, जैसा आपने पहले कभी महसूस न किया हो।
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उल्टी और जी मिचलाना: तेज सिरदर्द के साथ उल्टी होना।
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गर्दन का जाम हो जाना: गर्दन में असहनीय अकड़न महसूस होना।
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आंखों में धुंधलापन: अचानक चीजें धुंधली या दो-दो दिखाई देना।
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रोशनी से चुभन: तेज रोशनी बर्दाश्त न कर पाना।
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बेहोशी या दौरा: मरीज अचानक बेहोश हो सकता है या उसे दौरे पड़ सकते हैं।
कौन हैं ज्यादा खतरे में? (Risk Factors)
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जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है।
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जो धूम्रपान या बहुत ज्यादा शराब का सेवन करते हैं।
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जिनके परिवार में किसी को ब्रेन एन्यूरिज्म हो चुका हो।
कैसे करें बचाव? (Prevention)
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बीपी को कंट्रोल में रखें: यह सबसे जरूरी कदम है। नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक कराएं और उसे डॉक्टर की सलाह से नियंत्रित रखें।
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स्वस्थ जीवन अपनाएं: अपनी डाइट में फल, सब्जी शामिल करें और रोज थोड़ा व्यायाम करें।
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बुरी आदतों को कहें ‘ना’: धूम्रपान और शराब को आज ही अपनी जिंदगी से निकाल दें।
अगर किसी में भी ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, तो एक पल की भी देरी न करें। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है। मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं। समय पर इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है।
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