ढाका: बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने दावा किया है कि शेख हसीना को सत्ता से हटाने के पीछे अमेरिकी साजिश थी। हालांकि उन्होंने शेख हसीना को सत्ता से हटाने के साजिशकर्ता के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप या जो बाइडन का नाम नहीं लिया है। उन्होंने इसके लिए अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के परिवार को जिम्मेदार कहा है। 79 साल के क्लिंटन 1993 से 2011 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं।
चौधरी ने रूस टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अगस्त, 2024 में शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के लिए क्लिंटन परिवार की साजिश और अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी के फंड का गठजोड़ जिम्मेदार था। मोहिबुल हसन चौधरी के आरोप ध्यान खींचते हैं क्योंकि वह हसीना सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। हसीना के कार्यकाल के अंतिम महीनों में संकट वार्ता में चौधरी सीधेतौर पर शामिल थे।
क्लिंटन के युनुस से संबंंध मोहिबुल हसन चौधरी ने अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूएसएआईडी और कुछ पश्चिमी समर्थित एनजीओ 2018 से हसीना सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे थे। खासतौर से अमेरिका के यूएसएआईडी की कार्रवाइयां हमारी सरकार के खिलाफ थीं।
चौधरी ने मौजूदा अंतरिम सरकार के हेड मोहम्मद यूनुस और क्लिंटन परिवार के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बिल क्लिंटन फाउंडेशन और मोहम्मद यूनुस के विकास को बढ़ावा देने की आड़ में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन को बढ़ावा देने के एक गहरी साजिश रची गई।
हसीना भी लगा चुकीं आरोपचौधरी ने कहा कि क्लिंटन परिवार और यूनुस के बीच बहुत लंबे समय से सांठगांठ है। इसी सांठगांठ के तहत हसीना सरकार को अस्थिर करने के लिए फंडिंग चल रही थी। इस फंडिंग में सबसे अहम रोल यूएसएआईडी ने निभाया। इस एजेंसी ने बांग्लादेश में विकास कार्यों के नाम पर हसीना विरोधियों तक पैसा पहुंचाया और सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया।
बांग्लादेश में बीते साल जून-जुलाई में शेख हसीना को खिलाफ ढाका में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के हिंसक होने और सेना के कार्रवाई से इनकार करने के बाद 5 अगस्त को तत्कालीन पीएम हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। ढाका में इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद यूनुस को अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई थी।
शेख हसीना खुद भी यह कह चुकी हैं कि उनकी सरकार को गिराने में विदेशी ताकत शामिल थी। उन्होंने यूनुस पर देश को अमेरिका को बेचने का आरोप लगाया है। हसीना का कहना है कि उन्होंने बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक क्षेत्र सेंट मार्टिन द्वीप का नियंत्रण अमेरिका को देने से इनकार कर दिया था, जो उनकी सत्ता जाने की वजह बना।
चौधरी ने रूस टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अगस्त, 2024 में शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के लिए क्लिंटन परिवार की साजिश और अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी के फंड का गठजोड़ जिम्मेदार था। मोहिबुल हसन चौधरी के आरोप ध्यान खींचते हैं क्योंकि वह हसीना सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। हसीना के कार्यकाल के अंतिम महीनों में संकट वार्ता में चौधरी सीधेतौर पर शामिल थे।
क्लिंटन के युनुस से संबंंध मोहिबुल हसन चौधरी ने अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूएसएआईडी और कुछ पश्चिमी समर्थित एनजीओ 2018 से हसीना सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे थे। खासतौर से अमेरिका के यूएसएआईडी की कार्रवाइयां हमारी सरकार के खिलाफ थीं।
चौधरी ने मौजूदा अंतरिम सरकार के हेड मोहम्मद यूनुस और क्लिंटन परिवार के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बिल क्लिंटन फाउंडेशन और मोहम्मद यूनुस के विकास को बढ़ावा देने की आड़ में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन को बढ़ावा देने के एक गहरी साजिश रची गई।
हसीना भी लगा चुकीं आरोपचौधरी ने कहा कि क्लिंटन परिवार और यूनुस के बीच बहुत लंबे समय से सांठगांठ है। इसी सांठगांठ के तहत हसीना सरकार को अस्थिर करने के लिए फंडिंग चल रही थी। इस फंडिंग में सबसे अहम रोल यूएसएआईडी ने निभाया। इस एजेंसी ने बांग्लादेश में विकास कार्यों के नाम पर हसीना विरोधियों तक पैसा पहुंचाया और सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया।
बांग्लादेश में बीते साल जून-जुलाई में शेख हसीना को खिलाफ ढाका में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के हिंसक होने और सेना के कार्रवाई से इनकार करने के बाद 5 अगस्त को तत्कालीन पीएम हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। ढाका में इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद यूनुस को अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई थी।
शेख हसीना खुद भी यह कह चुकी हैं कि उनकी सरकार को गिराने में विदेशी ताकत शामिल थी। उन्होंने यूनुस पर देश को अमेरिका को बेचने का आरोप लगाया है। हसीना का कहना है कि उन्होंने बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक क्षेत्र सेंट मार्टिन द्वीप का नियंत्रण अमेरिका को देने से इनकार कर दिया था, जो उनकी सत्ता जाने की वजह बना।
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