नई दिल्ली/पुणे : अरब सागर के ऊपर बना इस मौसम का पहला समुद्री तूफान शुक्रवार को 'चक्रवात शक्ति' में बदल गया। आईएमडी ने इस बारे में जानकारी दी है। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में गुजरात के द्वारका से लगभग 250 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित इस चक्रवात के शनिवार तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। हालांकि मौसम विज्ञानियों का कहना है कि भारतीय भूभाग पर इसका कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन सप्ताहांत में समुद्र की स्थिति खराब रहने की आशंका है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
कितनी रफ्तार से बढ़ रहा चक्रवात?
शुक्रवार सुबह 11:30 बजे तक, चक्रवात शक्ति उत्तर-पूर्वी अरब सागर के ऊपर 21.7° उत्तरी अक्षांश और 66.8° पूर्वी देशांतर के पास, नलिया से लगभग 270 किमी दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 300 किमी पश्चिम और कराची से 360 किमी दक्षिण में स्थित था। यह चक्रवात 8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा था। इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में मध्य अरब सागर की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जो 5 अक्टूबर तक उत्तर के मध्य भागों और उससे सटे मध्य अरब सागर तक पहुंचने की संभावना है।
वैगरीज ऑफ वेदर के एक मौसम ब्लॉगर ने कहा, हालांकि यह सिस्टम एक गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा, लेकिन गुजरात के समुद्र तट के पास पहुंचने से पहले यह काफी कमजोर हो जाएगा। गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश की उम्मीद है, लेकिन भारत में इसका कोई बड़ा असर होने की आशंका नहीं है। आईएमडी की विज्ञप्ति के अनुसार, चक्रवात की चेतावनी 7 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी।
महाराष्ट्र के इन इलाकों में अलर्ट
मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को उच्च से मध्यम अलर्ट पर रखा गया है। इन जगहों पर हवा की स्पीड 45-55 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 65 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। विभाग ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के विकास के आधार पर हवा की गति और भी तेज हो सकती है। समुद्र की स्थिति पहले से ही बहुत खराब बताई जा रही है, और तटीय समुदायों को हाई अलर्ट पर रहने की चेतावनी जारी की गई है।
गुजरात में बारिश का अनुमान
स्वतंत्र मौसम पूर्वानुमानकर्ता अभिजीत मोदक ने कहा कि तूफान के अवशेष सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ बारिश ला सकते हैं। आईएमडी के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि तूफान का मार्ग भारतीय भूभाग से दूर है। साथ ही यह चेतावनी दी है कि हालांकि इसका सीधा असर जमीन पर नहीं पड़ेगा, लेकिन समुद्र में उथल-पुथल बनी रहेगी। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
आईएमडी के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी अरब सागर और उससे सटे उत्तर-पूर्वी व मध्य अरब सागर में 3 अक्टूबर की दोपहर तक समुद्र की स्थिति बहुत खराब से लेकर बहुत ऊंची बनी रहेगी, जो 4-6 अक्टूबर के बीच बहुत ऊँची से लेकर बहुत ऊंची हो जाएगी। 5 अक्टूबर तक गुजरात-उत्तरी महाराष्ट्र और पाकिस्तान के तटों पर/से सटे इलाकों में समुद्र की स्थिति खराब से लेकर बहुत ऊंची बनी रहने की संभावना है।
इस बीच, आंतरिक ओडिशा पर बने दबाव के प्रभाव से 3-4 अक्टूबर को मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और तूफान आने की संभावना है।
कितनी रफ्तार से बढ़ रहा चक्रवात?
शुक्रवार सुबह 11:30 बजे तक, चक्रवात शक्ति उत्तर-पूर्वी अरब सागर के ऊपर 21.7° उत्तरी अक्षांश और 66.8° पूर्वी देशांतर के पास, नलिया से लगभग 270 किमी दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 300 किमी पश्चिम और कराची से 360 किमी दक्षिण में स्थित था। यह चक्रवात 8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा था। इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में मध्य अरब सागर की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जो 5 अक्टूबर तक उत्तर के मध्य भागों और उससे सटे मध्य अरब सागर तक पहुंचने की संभावना है।
वैगरीज ऑफ वेदर के एक मौसम ब्लॉगर ने कहा, हालांकि यह सिस्टम एक गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा, लेकिन गुजरात के समुद्र तट के पास पहुंचने से पहले यह काफी कमजोर हो जाएगा। गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश की उम्मीद है, लेकिन भारत में इसका कोई बड़ा असर होने की आशंका नहीं है। आईएमडी की विज्ञप्ति के अनुसार, चक्रवात की चेतावनी 7 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी।
महाराष्ट्र के इन इलाकों में अलर्ट
मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को उच्च से मध्यम अलर्ट पर रखा गया है। इन जगहों पर हवा की स्पीड 45-55 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 65 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। विभाग ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के विकास के आधार पर हवा की गति और भी तेज हो सकती है। समुद्र की स्थिति पहले से ही बहुत खराब बताई जा रही है, और तटीय समुदायों को हाई अलर्ट पर रहने की चेतावनी जारी की गई है।
गुजरात में बारिश का अनुमान
स्वतंत्र मौसम पूर्वानुमानकर्ता अभिजीत मोदक ने कहा कि तूफान के अवशेष सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ बारिश ला सकते हैं। आईएमडी के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि तूफान का मार्ग भारतीय भूभाग से दूर है। साथ ही यह चेतावनी दी है कि हालांकि इसका सीधा असर जमीन पर नहीं पड़ेगा, लेकिन समुद्र में उथल-पुथल बनी रहेगी। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
आईएमडी के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी अरब सागर और उससे सटे उत्तर-पूर्वी व मध्य अरब सागर में 3 अक्टूबर की दोपहर तक समुद्र की स्थिति बहुत खराब से लेकर बहुत ऊंची बनी रहेगी, जो 4-6 अक्टूबर के बीच बहुत ऊँची से लेकर बहुत ऊंची हो जाएगी। 5 अक्टूबर तक गुजरात-उत्तरी महाराष्ट्र और पाकिस्तान के तटों पर/से सटे इलाकों में समुद्र की स्थिति खराब से लेकर बहुत ऊंची बनी रहने की संभावना है।
इस बीच, आंतरिक ओडिशा पर बने दबाव के प्रभाव से 3-4 अक्टूबर को मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और तूफान आने की संभावना है।
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