रायपुर: छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस नशे के कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 9 तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई टिकरापारा थाना पुलिस ने की है। पकड़े गए तस्करों के पास से 412 ग्राम 87 मिलीग्राम हेरोइन की जब्ती की है। जिसे देश के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करना था। खुले मार्केट में जब्ब ड्रग्स की कीमत करीब 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पाकिस्तान से आती थी ड्रग्स
मामले का खुलासा करके हुए रायपुर के एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि तस्करों को ड्रग्स पाकिस्तान से सप्लाई होती थी। पाकिस्तान से वह पंजाब आती थी फिर उसे रायपुर लाया जाता था। जहां से अलग-अलग राज्यों पूरे पूरे छत्तीसगढ़ में इसकी सप्लाई होती थी। उन्होंने बताया कि तस्करों ने रायपुर के कमल बिहार में ड्रग्स सप्लाई का कारोबार चलता था। यहां से पूरे प्रदेश में सप्लाई होती थी।
पंजाब का है मुख्य तस्कर
एएसपी ने बताया कि लवजीत सिंह उर्फ बंटी मुख्य तस्कर है। वह पंजाब का रहने वाला है। उसे पाकिस्तान से ड्रग्स मिलती थी। छत्तीसगढ़ के 8 युवकों के नेटवर्क से पूरे प्रदेश में ड्रग्स की सप्लाई की जाती थी। यह आपस में व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क में रहते थे। छत्तीसगढ़ में ड्रग्स का मुख्य सप्लायर सुमित श्रीवास्तव था। यह लोग गाड़ी में घूम-घूमकर ड्रग्स की सप्लाई करते थे।
कैसे खुला ड्रग्स तस्करी का राज
दरअसल, पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और SSP डॉ लाल उम्मेद सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई थी। 3 अगस्त को रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम ने कमल विहार के फ्लैट में दबिश दी। इस दौरान कमल विहार से लवजीत सिंह, सुवित श्रीवास्तव और अश्वनी चंद्रवंशी पकड़े गए। मौके पर ही 412.87 ग्राम हेरोइन, मोबाइल फोन, कार, ड्रग पैकेजिंग सामग्री और लेन-देन के दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ के बाद रायपुर में सक्रिय स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर्स और सप्लायर्स की गिरफ्तारी की गई।
करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन
पुलिस के मुताबिक पैसों के लेन-देन के लिए गिरोह ने म्यूल एकाउंट्स बनाए थे। शुरुआती जांच में करोड़ों रुपये के लेन-देन के डिजिटल सबूत मिले हैं। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी, UPI और नकद माध्यमों से भी भुगतान होने की भी बात कही जा रही है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
पाकिस्तान से आती थी ड्रग्स
मामले का खुलासा करके हुए रायपुर के एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि तस्करों को ड्रग्स पाकिस्तान से सप्लाई होती थी। पाकिस्तान से वह पंजाब आती थी फिर उसे रायपुर लाया जाता था। जहां से अलग-अलग राज्यों पूरे पूरे छत्तीसगढ़ में इसकी सप्लाई होती थी। उन्होंने बताया कि तस्करों ने रायपुर के कमल बिहार में ड्रग्स सप्लाई का कारोबार चलता था। यहां से पूरे प्रदेश में सप्लाई होती थी।
पंजाब का है मुख्य तस्कर
एएसपी ने बताया कि लवजीत सिंह उर्फ बंटी मुख्य तस्कर है। वह पंजाब का रहने वाला है। उसे पाकिस्तान से ड्रग्स मिलती थी। छत्तीसगढ़ के 8 युवकों के नेटवर्क से पूरे प्रदेश में ड्रग्स की सप्लाई की जाती थी। यह आपस में व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क में रहते थे। छत्तीसगढ़ में ड्रग्स का मुख्य सप्लायर सुमित श्रीवास्तव था। यह लोग गाड़ी में घूम-घूमकर ड्रग्स की सप्लाई करते थे।
कैसे खुला ड्रग्स तस्करी का राज
दरअसल, पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और SSP डॉ लाल उम्मेद सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई थी। 3 अगस्त को रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम ने कमल विहार के फ्लैट में दबिश दी। इस दौरान कमल विहार से लवजीत सिंह, सुवित श्रीवास्तव और अश्वनी चंद्रवंशी पकड़े गए। मौके पर ही 412.87 ग्राम हेरोइन, मोबाइल फोन, कार, ड्रग पैकेजिंग सामग्री और लेन-देन के दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ के बाद रायपुर में सक्रिय स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर्स और सप्लायर्स की गिरफ्तारी की गई।
करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन
पुलिस के मुताबिक पैसों के लेन-देन के लिए गिरोह ने म्यूल एकाउंट्स बनाए थे। शुरुआती जांच में करोड़ों रुपये के लेन-देन के डिजिटल सबूत मिले हैं। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी, UPI और नकद माध्यमों से भी भुगतान होने की भी बात कही जा रही है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
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