चंडीगढ़ : हरियाणा महिला आयोग ने प्रदेश के सभी जिम संचालकों को एक बड़ा निर्देश जारी किया है। आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने कहा है कि अब हर जिम में महिला ट्रेनर की तैनाती अनिवार्य होगी। यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने बताया कि पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग ट्रेनर रखे जाएंगे। महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आयोग लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में, जिम में आने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
जिम का निरीक्षण करेंगे रेणू भाटिया
आयोग जिम संचालकों को महिला ट्रेनर रखने के लिए एक निश्चित समय सीमा देगा। इस अवधि में उन्हें यह व्यवस्था करनी होगी। अगर कोई जिम संचालक इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश खासकर गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला जैसे बड़े शहरों की उन जिम्स पर लागू होगा जहां महिलाएं और युवतियां बड़ी संख्या में आती हैं। रेनू भाटिया ने खुद भी जल्द ही प्रदेश के विभिन्न शहरों की जिम्स का निरीक्षण करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि यह फैसला उत्तर प्रदेश महिला आयोग के एक ऐसे ही कदम से प्रेरित है।
सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ज़रूरी कदम
महिला आयोग का मानना है कि यह कदम महिला सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ज़रूरी है। आयोग के पास कैब ड्राइवरों द्वारा छेड़छाड़ की शिकायतें भी आई थीं। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आयोग एक और पहल कर रहा है। अब आयोग ज़रूरतमंद महिलाओं को कार ड्राइविंग सिखाएगा। इसका मकसद यह है कि महिलाएं खुद कैब ड्राइविंग का काम कर सकें और इस दौरान सुरक्षित महसूस करें। इस तरह, महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और अपनी सुरक्षा खुद सुनिश्चित कर पाएंगी। यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
जिम का निरीक्षण करेंगे रेणू भाटिया
आयोग जिम संचालकों को महिला ट्रेनर रखने के लिए एक निश्चित समय सीमा देगा। इस अवधि में उन्हें यह व्यवस्था करनी होगी। अगर कोई जिम संचालक इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश खासकर गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला जैसे बड़े शहरों की उन जिम्स पर लागू होगा जहां महिलाएं और युवतियां बड़ी संख्या में आती हैं। रेनू भाटिया ने खुद भी जल्द ही प्रदेश के विभिन्न शहरों की जिम्स का निरीक्षण करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि यह फैसला उत्तर प्रदेश महिला आयोग के एक ऐसे ही कदम से प्रेरित है।
सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ज़रूरी कदम
महिला आयोग का मानना है कि यह कदम महिला सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ज़रूरी है। आयोग के पास कैब ड्राइवरों द्वारा छेड़छाड़ की शिकायतें भी आई थीं। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आयोग एक और पहल कर रहा है। अब आयोग ज़रूरतमंद महिलाओं को कार ड्राइविंग सिखाएगा। इसका मकसद यह है कि महिलाएं खुद कैब ड्राइविंग का काम कर सकें और इस दौरान सुरक्षित महसूस करें। इस तरह, महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और अपनी सुरक्षा खुद सुनिश्चित कर पाएंगी। यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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