English Medium Section in Delhi Govt School: हमारे देश में एजुकेशन सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। तमाम हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स एआई और जॉब मार्केट की डिमांड को देखते हुए नए-नए कोर्स लॉन्च कर रहे हैं। वहीं, स्कूलों के सिलेबस में भी बदलाव किए जा रहे हैं। इस साल पंजाब बोर्ड ने भी पहली से लेकर 12वीं क्लास का सिलेबस बदला है। वहीं, अब स्कूली बच्चों के हित में दिल्ली की सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है। जिसके तहत अब सभी सरकारी स्कूलों में हर कक्षा में एक इंग्लिश मीडियम सेक्श होगा।
राज्य सरकारी ने अभिभावकों की मांग पर यह फैसला लिया है। ऐसे में दिल्ली के गवर्मेंट स्कूलों में बढ़ने वाले जो स्टूडेंट्स इंग्लिश मीडियम से पढ़ना चाहते हैं, उनका एक अलग सेक्शन होगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से छात्रों को आगे चलकर साइंस, टेक्नोलॉजी और ग्लोबल करियर की तैयारी में मदद मिलेगी।
इच्छा और क्षमता के आधार पर मिलेगा दाखिला
दिल्ली सरकार के इस फैसले का उन बच्चों को बहुत फायदा मिलेगा, जो प्राइवेट स्कूलों में जाकर इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई करने में सक्षम नहीं है। यह फैसला उन लगातार आती अभिभावकों की मांग के बाद लिया गया है, जो चाहते थे कि उनके बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई का विकल्प मिले।
इंग्लिश मीडियम सेक्शन में दाखिला छात्रों की रुचि और योग्यता के आधार पर दिया जाएगा। यानी कि वही छात्र इस सेक्शन में एडमिशन ले सकेंगे, जो वाकई अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने में इच्छुक और सक्षम हैं।
स्कूलों को जारी किया सर्कुलर
मंगलवार को जारी सर्कुलर में स्कूल प्रमुखों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस व्यवस्था को लागू करें। इससे पहले भी 2014 और 2018 में ऐसे दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अब दिल्ली सरकार की ओर से साफ कह दिया गया कि सभी सरकारी स्कूलों की हर एक कक्षा में कम से कम एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम का होना चाहिए। इस क्लास में सभी विषयों की पढ़ाई (क्षेत्रीय भाषा को छोड़कर) इंग्लिश माध्यम में ही कराई जाएगी।
ऑनलाइन पोर्टल्स और रिकॉर्ड में होगा अपडेट
दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन इंग्लिश मीडियम सेक्शनों के लिए उपयुक्त टैक्स्टबुक और स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। ये सभी सामग्री सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार होंगी।
सरकारी की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि इस नई व्यवस्था की जानकारी अपने रिकॉर्ड और सरकारी पोर्टल्स (जैसे UDISE पोर्टल) पर भी अपडेट करें। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा, ताकि यह देखा जा सके कि नियमों का पालन सही तरीके से हो रहा है या नहीं।
स्किल सब्जेक्ट की शुरुआत
इससे पहले दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने इसी शैक्षणिक सत्र से 257 अतिरिक्त सरकारी स्कूलों में स्किल और NSQF विषयों की शुरुआत की मंजूरी दी थी। यह पहल छात्रों को प्रैक्टिकल नॉलेज और जॉब स्किल्स देने की दिशा में एक अहम कदम है।
राज्य सरकारी ने अभिभावकों की मांग पर यह फैसला लिया है। ऐसे में दिल्ली के गवर्मेंट स्कूलों में बढ़ने वाले जो स्टूडेंट्स इंग्लिश मीडियम से पढ़ना चाहते हैं, उनका एक अलग सेक्शन होगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से छात्रों को आगे चलकर साइंस, टेक्नोलॉजी और ग्लोबल करियर की तैयारी में मदद मिलेगी।
इच्छा और क्षमता के आधार पर मिलेगा दाखिला
दिल्ली सरकार के इस फैसले का उन बच्चों को बहुत फायदा मिलेगा, जो प्राइवेट स्कूलों में जाकर इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई करने में सक्षम नहीं है। यह फैसला उन लगातार आती अभिभावकों की मांग के बाद लिया गया है, जो चाहते थे कि उनके बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई का विकल्प मिले।
इंग्लिश मीडियम सेक्शन में दाखिला छात्रों की रुचि और योग्यता के आधार पर दिया जाएगा। यानी कि वही छात्र इस सेक्शन में एडमिशन ले सकेंगे, जो वाकई अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने में इच्छुक और सक्षम हैं।
स्कूलों को जारी किया सर्कुलर
मंगलवार को जारी सर्कुलर में स्कूल प्रमुखों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस व्यवस्था को लागू करें। इससे पहले भी 2014 और 2018 में ऐसे दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अब दिल्ली सरकार की ओर से साफ कह दिया गया कि सभी सरकारी स्कूलों की हर एक कक्षा में कम से कम एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम का होना चाहिए। इस क्लास में सभी विषयों की पढ़ाई (क्षेत्रीय भाषा को छोड़कर) इंग्लिश माध्यम में ही कराई जाएगी।
ऑनलाइन पोर्टल्स और रिकॉर्ड में होगा अपडेट
दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन इंग्लिश मीडियम सेक्शनों के लिए उपयुक्त टैक्स्टबुक और स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। ये सभी सामग्री सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार होंगी।
सरकारी की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि इस नई व्यवस्था की जानकारी अपने रिकॉर्ड और सरकारी पोर्टल्स (जैसे UDISE पोर्टल) पर भी अपडेट करें। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा, ताकि यह देखा जा सके कि नियमों का पालन सही तरीके से हो रहा है या नहीं।
स्किल सब्जेक्ट की शुरुआत
इससे पहले दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने इसी शैक्षणिक सत्र से 257 अतिरिक्त सरकारी स्कूलों में स्किल और NSQF विषयों की शुरुआत की मंजूरी दी थी। यह पहल छात्रों को प्रैक्टिकल नॉलेज और जॉब स्किल्स देने की दिशा में एक अहम कदम है।