भोपाल: मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता से कई जिलों में भारी बारिश हुई है, जिससे औसत बारिश का आंकड़ा 72% तक बढ़ गया है। निवाड़ी जिले में सामान्य से 103% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि इंदौर और उज्जैन संभाग में कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में 18 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
MP Weather Forcast: चार दिन तक तेज बारिश का अलर्ट
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी एक मानसून ट्रफ प्रदेश के ऊपरी हिस्से से गुजर रही है। इसके चलते बुधवार से अति भारी और भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रदेश के नजदीक लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) एक्टिव होने से फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होगा। अगले 4 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट है।
25 से ज्यादा जिलों में हुई बारिश
पिछले एक सप्ताह से हो रही जबरदस्त बारिश के कारण राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं। ग्वालियर, भोपाल, इंदौर समेत 25 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बारिश ग्वालियर में 2.3 इंच दर्ज की गई। खरगोन में डेढ़ इंच, सीधी में 1 इंच और उमरिया में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। शाजापुर और रायसेन में भी तेज बारिश का दौर चला।
इन जिलों में दर्ज हुई हल्की बारिश
भोपाल, दतिया, इंदौर, नर्मदापुरम, श्योपुर, शिवपुरी, मंडला, सागर, सिवनी, बालाघाट, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, आगर-मालवा, देवास समेत कई जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। इस मानसूनी सीजन में मध्यप्रदेश में औसत 18.2 इंच बारिश हो गई है। अब तक की औसत बारिश से यह 72% यानी 5.6 इंच ज्यादा है।
निवाड़ी सबसे आगे, इंदौर-उज्जैन संभाग पीछे
निवाड़ी ऐसा जिला है, जहां एक महीने में ही बारिश का आंकड़ा 103% यानी 31.46 इंच पहुंच गया है। इस जिले की सामान्य बारिश साढ़े 30 इंच है। इंदौर और उज्जैन संभाग के जिले पिछड़े हुए हैं। 5 बड़े शहरों में भोपाल में 14.5 इंच, इंदौर में 7 इंच, ग्वालियर में 18.5 इंच, जबलपुर में 21.6 इंच और उज्जैन में 8 इंच पानी गिरा है। टीकमगढ़ में 91% (33 इंच), छतरपुर में 75% (28 इंच), शिवपुरी में 82% (25.3 इंच) और मंडला में 75% (35 इंच) बारिश हो चुकी है।
पूर्वी हिस्से में ज्यादा बारिश
मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से जैसे- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में बारिश की स्थिति बेहतर है। इन संभागों के जिलों में औसत से 86 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर चुका है।
MP Weather Forcast: चार दिन तक तेज बारिश का अलर्ट
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी एक मानसून ट्रफ प्रदेश के ऊपरी हिस्से से गुजर रही है। इसके चलते बुधवार से अति भारी और भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रदेश के नजदीक लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) एक्टिव होने से फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होगा। अगले 4 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट है।
25 से ज्यादा जिलों में हुई बारिश
पिछले एक सप्ताह से हो रही जबरदस्त बारिश के कारण राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं। ग्वालियर, भोपाल, इंदौर समेत 25 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बारिश ग्वालियर में 2.3 इंच दर्ज की गई। खरगोन में डेढ़ इंच, सीधी में 1 इंच और उमरिया में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। शाजापुर और रायसेन में भी तेज बारिश का दौर चला।
इन जिलों में दर्ज हुई हल्की बारिश
भोपाल, दतिया, इंदौर, नर्मदापुरम, श्योपुर, शिवपुरी, मंडला, सागर, सिवनी, बालाघाट, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, आगर-मालवा, देवास समेत कई जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। इस मानसूनी सीजन में मध्यप्रदेश में औसत 18.2 इंच बारिश हो गई है। अब तक की औसत बारिश से यह 72% यानी 5.6 इंच ज्यादा है।
निवाड़ी सबसे आगे, इंदौर-उज्जैन संभाग पीछे
निवाड़ी ऐसा जिला है, जहां एक महीने में ही बारिश का आंकड़ा 103% यानी 31.46 इंच पहुंच गया है। इस जिले की सामान्य बारिश साढ़े 30 इंच है। इंदौर और उज्जैन संभाग के जिले पिछड़े हुए हैं। 5 बड़े शहरों में भोपाल में 14.5 इंच, इंदौर में 7 इंच, ग्वालियर में 18.5 इंच, जबलपुर में 21.6 इंच और उज्जैन में 8 इंच पानी गिरा है। टीकमगढ़ में 91% (33 इंच), छतरपुर में 75% (28 इंच), शिवपुरी में 82% (25.3 इंच) और मंडला में 75% (35 इंच) बारिश हो चुकी है।
पूर्वी हिस्से में ज्यादा बारिश
मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से जैसे- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में बारिश की स्थिति बेहतर है। इन संभागों के जिलों में औसत से 86 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर चुका है।
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