खंडवा: जिले के पेठिया गांव स्थित मदरसे पर छापेमारी की गई तो ऊपर के कमरे से करीब 20 लाख रुपए के नकली नोट मिले। साथ ही मशीन भी मिली है। इसी कमरे में मौलाना जुबैर अंसारी रहता था, जो मुस्लिम समाज के बच्चों को तालीम देता था। जुबैर अंसारी को मालेगांव में नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद खंडवा में छापेमारी हुई तो यहां भी नोटों का जखीरा मिला है।
मदरसे के ऊपर था मौलाना का कमराइमामबाड़े में ही किराए से कमरा लेकर मौलना जुबैर अंसारी रहता था। पेठिया गांव के लोगों ने बच्चों को तालीम देने के लिए चार महीने पहले ही इसे 12000 रुपए की नौकरी पर रखा था। मगर मौलान जुबैर यहां से नकली नोटों की सप्लाई कर रहा था। वहा महाराष्ट्र के मालेगांव से लेकर अन्य जगह पर नोटों की सप्लाई करता था। धर्म का चोला ओढ़कर वह तमाम तरह के अनैतिक कार्य में लिप्त था, जिससे कथित रूप से गांव वाले अनजान थे।
गांव के लोगों ने ही दी पुलिस को खबरअब खंडवा स्थित पेठिया गांव के लोगों का कहना है कि मौलान जुबैर अंसारी की गिरफ्तारी की खबर हमलोगों ने सोशल मीडिया के जरिए देखी। इसके बाद हमलोगों ने पुलिस को खबर दी कि यह मौलाना पहले यही रहता था। इसके बाद पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली तो उसमें से नकली नोटों का जखीरा मिला है।
छत पर बच्चों की थी नो एंट्रीवहीं, जिस कमरे में मौलाना रहता था, वह छत के ऊपर थी। वह गांव के बच्चों और लोगों को डराकर रखता था। छत पर नहीं जाना, ऊपर में जिन्नात आते हैं। मतलब कि भूत रहते हैं। इस डर की वजह से कोई ऊपर नहीं जाता था। वह अपने सीक्रेट कमरे को नोट छापने की फैक्ट्री बना रखी थी। मौलाना यही से अलग-अलग जगहों पर जाकर नोटों की सप्लाई करता था। चार महीने की नौकरी में ही उसने 17 छुट्टियां ली थी। इस बार भी वह छुट्टी पर ही था, जब मालेगांव में पकड़ा गया।
बुरहानपुर में दर्ज हैं कई केसइसके साथ ही यह भी सवाल है कि मदरसे में जब उस मौलाना के रूप में रखा गया तो क्या कोई पड़ताल नहीं की गई। क्योंकि जुबैरी अंसारी पर कई सीरियस अपराध पहले से बुरहानपुर में दर्ज हैं। उस पर लूट और चोरी के मामले शहर में दर्ज है। पुलिस उसकी तलाश भी कर रही थी लेकिन वह गांव के इमामबाड़े में आकर मौलाना बन गया।
अलग-अलग है कैरेक्टरअब खंडवा पुलिस मौलाना जुबैर अंसारी की पूरी कुंडली निकाल रही है। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जाएगी। इसके बाद ही सारे तथ्य सामने आएंगे और पता चलेगा कि इसका काला साम्राज्य कहां तक फैला है। मौलना समय के अनुसार अपना कैरेक्टर बदलता रहा है। बुरहानपुर में यह एक अपराधी थी। खंडवा आकर मौलाना बन गया और मालेगांव में इसकी पहचान नकली नोटों के सप्लायर के रूप में थी।
मदरसे के ऊपर था मौलाना का कमराइमामबाड़े में ही किराए से कमरा लेकर मौलना जुबैर अंसारी रहता था। पेठिया गांव के लोगों ने बच्चों को तालीम देने के लिए चार महीने पहले ही इसे 12000 रुपए की नौकरी पर रखा था। मगर मौलान जुबैर यहां से नकली नोटों की सप्लाई कर रहा था। वहा महाराष्ट्र के मालेगांव से लेकर अन्य जगह पर नोटों की सप्लाई करता था। धर्म का चोला ओढ़कर वह तमाम तरह के अनैतिक कार्य में लिप्त था, जिससे कथित रूप से गांव वाले अनजान थे।
गांव के लोगों ने ही दी पुलिस को खबरअब खंडवा स्थित पेठिया गांव के लोगों का कहना है कि मौलान जुबैर अंसारी की गिरफ्तारी की खबर हमलोगों ने सोशल मीडिया के जरिए देखी। इसके बाद हमलोगों ने पुलिस को खबर दी कि यह मौलाना पहले यही रहता था। इसके बाद पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली तो उसमें से नकली नोटों का जखीरा मिला है।
छत पर बच्चों की थी नो एंट्रीवहीं, जिस कमरे में मौलाना रहता था, वह छत के ऊपर थी। वह गांव के बच्चों और लोगों को डराकर रखता था। छत पर नहीं जाना, ऊपर में जिन्नात आते हैं। मतलब कि भूत रहते हैं। इस डर की वजह से कोई ऊपर नहीं जाता था। वह अपने सीक्रेट कमरे को नोट छापने की फैक्ट्री बना रखी थी। मौलाना यही से अलग-अलग जगहों पर जाकर नोटों की सप्लाई करता था। चार महीने की नौकरी में ही उसने 17 छुट्टियां ली थी। इस बार भी वह छुट्टी पर ही था, जब मालेगांव में पकड़ा गया।
बुरहानपुर में दर्ज हैं कई केसइसके साथ ही यह भी सवाल है कि मदरसे में जब उस मौलाना के रूप में रखा गया तो क्या कोई पड़ताल नहीं की गई। क्योंकि जुबैरी अंसारी पर कई सीरियस अपराध पहले से बुरहानपुर में दर्ज हैं। उस पर लूट और चोरी के मामले शहर में दर्ज है। पुलिस उसकी तलाश भी कर रही थी लेकिन वह गांव के इमामबाड़े में आकर मौलाना बन गया।
अलग-अलग है कैरेक्टरअब खंडवा पुलिस मौलाना जुबैर अंसारी की पूरी कुंडली निकाल रही है। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जाएगी। इसके बाद ही सारे तथ्य सामने आएंगे और पता चलेगा कि इसका काला साम्राज्य कहां तक फैला है। मौलना समय के अनुसार अपना कैरेक्टर बदलता रहा है। बुरहानपुर में यह एक अपराधी थी। खंडवा आकर मौलाना बन गया और मालेगांव में इसकी पहचान नकली नोटों के सप्लायर के रूप में थी।
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