हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर न्यू हाथरस शहर को बसाया जाएगा। इस योजना पर काम तेज किया गया है। नए शहर को विकसित करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए यमुना विकास प्राधिकरण ने हाथरस अर्बन सेंटर के मास्टर प्लान के लिए जारी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल के तहत आवेदन की अंतिम तिथि में वृद्धि की है। इसे बढ़ाकर 3 नवंबर कर दिया है। वहीं, अब टेक्निकल बिड 6 नवंबर को खुलेगी। चयनित कंपनी आठ माह में प्लान तैयार कर प्राधिकरण को देगी। इसके आधार पर नए शहर के निर्माण की योजना पर आगे काम बढ़ेगा।
यमुना अथॉरिटी के एक अधिकारी का कहना है कि प्राधिकरण का क्षेत्र 6 जिलों तक फैला है। प्राधिकरण मथुरा में मुख्य रूप से हेरीटेज सिटी विकसित कर रहा है। वहीं, टप्पल में लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी की गई है। वहीं, आगरा में भी पर्यटन और धरोहर को तबज्जो दी गई है। अब हाथरस में नए शहर का मास्टर प्लान तैयार करने की तैयारी की गई है।
चयनित कंपनी करेगी सर्वेक्षणबिड में चयनित कंपनी पहले शहर की भौगोलिक स्थिति का सर्वेक्षण करेगी। इसके बाद प्लान तैयार करेगी। शुरुआती चरण में 2000 से 4000 हेक्टेयर में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ नया शहर बसाया जाएगा। यीडा के अधिसूचित क्षेत्र में हाथरस के 358 गांव शामिल हैं। हाथरस के सदर, सादाबाद और सासनी तहसील के गांव से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इन गांव की जमीन पर औद्योगिक और आवासीय टाउनशिप विकसित की जाएगी।
व्यापारिक केंद्र के तौर पर विकासदरअसल, हाथरस को व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां एमएसएमई और कुटीर उद्योग बड़े पैमाने पर कच्चा माल उपलब्ध कराते हैं। उद्योगों के प्रोडक्ट्स के लिए बाजार भी उपलब्ध है। फ्रेट लाइन से जुड़ने की स्थिति में इस क्षेत्र की पुरानी विरासत को फिर से बहाल किया जा सकता है। दरअसल, ब्रिटिश काल के दौरान यह इलाका औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा था। अच्छी कनेक्टिविटी के कारण हाथरस को आगरा का सैटेलाइट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है।
दरअसल, हाथरस लघु एवं कुटीर उद्योगों का प्रमुख केंद्र रहा है। ऐतिहासिक तौर पर इस शहर का महत्व रहा है। हालांकि, समय के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के अभाव में इसका महत्व घट गया। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, अभी हाथरस जिले में एमएसएमई और कुटीर उद्योगों की करीब 1293 इकाई रजिस्टर्ड हैं
मास्टर प्लान में नया शहरहाथरस के मास्टर प्लान 2041 फेज दो के तहत नए शहर का विकास होना है। हाथरस में अलीगढ़ और आगरा के मुकाबले बेहतर सड़क संपर्क होने के कारण नए शहर के प्रति लोगों का रुझान बढ़ सकता है। नए शहर को एनएच-93 और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए एसएच-33 से जुड़ाव है। साथ ही, हाथरस जंक्शन पर दो रेलवे लाइनें आती हैं। इंटरनल कनेक्टिविटी को बेहतर कर शहर को एक नया स्वरूप दिया जा सकता है।
यमुना अथॉरिटी के एक अधिकारी का कहना है कि प्राधिकरण का क्षेत्र 6 जिलों तक फैला है। प्राधिकरण मथुरा में मुख्य रूप से हेरीटेज सिटी विकसित कर रहा है। वहीं, टप्पल में लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी की गई है। वहीं, आगरा में भी पर्यटन और धरोहर को तबज्जो दी गई है। अब हाथरस में नए शहर का मास्टर प्लान तैयार करने की तैयारी की गई है।
चयनित कंपनी करेगी सर्वेक्षणबिड में चयनित कंपनी पहले शहर की भौगोलिक स्थिति का सर्वेक्षण करेगी। इसके बाद प्लान तैयार करेगी। शुरुआती चरण में 2000 से 4000 हेक्टेयर में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ नया शहर बसाया जाएगा। यीडा के अधिसूचित क्षेत्र में हाथरस के 358 गांव शामिल हैं। हाथरस के सदर, सादाबाद और सासनी तहसील के गांव से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इन गांव की जमीन पर औद्योगिक और आवासीय टाउनशिप विकसित की जाएगी।
व्यापारिक केंद्र के तौर पर विकासदरअसल, हाथरस को व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां एमएसएमई और कुटीर उद्योग बड़े पैमाने पर कच्चा माल उपलब्ध कराते हैं। उद्योगों के प्रोडक्ट्स के लिए बाजार भी उपलब्ध है। फ्रेट लाइन से जुड़ने की स्थिति में इस क्षेत्र की पुरानी विरासत को फिर से बहाल किया जा सकता है। दरअसल, ब्रिटिश काल के दौरान यह इलाका औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा था। अच्छी कनेक्टिविटी के कारण हाथरस को आगरा का सैटेलाइट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है।
दरअसल, हाथरस लघु एवं कुटीर उद्योगों का प्रमुख केंद्र रहा है। ऐतिहासिक तौर पर इस शहर का महत्व रहा है। हालांकि, समय के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के अभाव में इसका महत्व घट गया। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, अभी हाथरस जिले में एमएसएमई और कुटीर उद्योगों की करीब 1293 इकाई रजिस्टर्ड हैं
मास्टर प्लान में नया शहरहाथरस के मास्टर प्लान 2041 फेज दो के तहत नए शहर का विकास होना है। हाथरस में अलीगढ़ और आगरा के मुकाबले बेहतर सड़क संपर्क होने के कारण नए शहर के प्रति लोगों का रुझान बढ़ सकता है। नए शहर को एनएच-93 और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए एसएच-33 से जुड़ाव है। साथ ही, हाथरस जंक्शन पर दो रेलवे लाइनें आती हैं। इंटरनल कनेक्टिविटी को बेहतर कर शहर को एक नया स्वरूप दिया जा सकता है।
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