पटना: बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 25 जुलाई तक चलेगा। यह सत्र 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र होगा। इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होगा। इस सत्र के दौरान नीतीश सरकार 12 अहम विधेयक पेश करने जा रही है, जिनमें 4 मूल और 8 संशोधन विधेयक शामिल हैं। सत्र के पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद में लगभग अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा 22 और 23 जुलाई को विभिन्न विभागों से जुड़े विधेयक सदन में रखे जाएंगे।
जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक सबसे अहम
सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों में जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025 सबसे प्रमुख है। इसके माध्यम से राज्य में पहला कौशल विश्वविद्यालय स्थापित होगा, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की योजना को बल देगा।
गीग कामगारों और छोटे दुकानों के कर्मचारियों के लिए कानून
स्वीगी, जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले अंशकालिक (गीग) कामगारों के हितों की रक्षा के लिए विशेष विधेयक लाया जाएगा। साथ ही छोटे दुकानों में कार्यरत कामगारों की सेवा शर्तों को भी कानूनी दायरे में लाया जाएगा।
भूमि विवाद से लेकर नगर निकायों के अधिकार तक संशोधन विधेयक
भूमि सुधार विभाग से जुड़े तीन विधेयक भी सत्र में पेश होंगे। इनमें प्रमंडल स्तर पर अपीलीय प्राधिकरण की स्थापना, शहरी क्षेत्रों में विशेष भूमि सर्वेक्षण और कृषि भूमि के अन्य उपयोग के नियमों को स्पष्ट किया जाएगा।
नगर निकायों के अधिकारों में पिछले वर्ष की कटौती को लेकर विरोध हुआ था। अब सरकार संशोधन विधेयक के जरिए चार धाराओं में बदलाव कर अधिकार बहाल करने की योजना बना रही है।
विपक्ष बनाम सरकार: मुद्दों पर होगी गरम बहस
जहां विपक्ष मतदाता सत्यापन और विधि-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की रणनीति तैयार कर ली है। सत्र छोटा जरूर है, लेकिन दोनों पक्ष इसे अपनी राजनीतिक धार देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक सबसे अहम
सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों में जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025 सबसे प्रमुख है। इसके माध्यम से राज्य में पहला कौशल विश्वविद्यालय स्थापित होगा, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की योजना को बल देगा।
गीग कामगारों और छोटे दुकानों के कर्मचारियों के लिए कानून
स्वीगी, जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले अंशकालिक (गीग) कामगारों के हितों की रक्षा के लिए विशेष विधेयक लाया जाएगा। साथ ही छोटे दुकानों में कार्यरत कामगारों की सेवा शर्तों को भी कानूनी दायरे में लाया जाएगा।
भूमि विवाद से लेकर नगर निकायों के अधिकार तक संशोधन विधेयक
भूमि सुधार विभाग से जुड़े तीन विधेयक भी सत्र में पेश होंगे। इनमें प्रमंडल स्तर पर अपीलीय प्राधिकरण की स्थापना, शहरी क्षेत्रों में विशेष भूमि सर्वेक्षण और कृषि भूमि के अन्य उपयोग के नियमों को स्पष्ट किया जाएगा।
नगर निकायों के अधिकारों में पिछले वर्ष की कटौती को लेकर विरोध हुआ था। अब सरकार संशोधन विधेयक के जरिए चार धाराओं में बदलाव कर अधिकार बहाल करने की योजना बना रही है।
विपक्ष बनाम सरकार: मुद्दों पर होगी गरम बहस
जहां विपक्ष मतदाता सत्यापन और विधि-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की रणनीति तैयार कर ली है। सत्र छोटा जरूर है, लेकिन दोनों पक्ष इसे अपनी राजनीतिक धार देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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