Next Story
Newszop

जनजातीय आयोग का बड़ा आदेश, जर्जर सरकारी स्कूलों की रीयलिटी चेक के निर्देश, झालावाड़ की घटना के बाद लिया संज्ञान

Send Push
बड़वानी: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से मासूम बच्चों की मृत्यु की घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।





झालावाड़ की घटना के बाद निर्देश

आर्य ने आज पत्र जारी कर पत्रकारों से चर्चा में बताया कि राजस्थान के एक विद्यालय भवन के ढह जाने के बाद विद्यार्थियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हमारे शासकीय ढांचे की सतर्कता एवं संवेदनशीलता के अभाव को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उन क्षेत्रों में, जहां भवन वर्षों से जर्जर अवस्था में हैं और उनका नियमित परीक्षण निरीक्षण नहीं किया जाता।





घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग विशेष कर अनुसूचित जनजाति की बच्चों की सुरक्षा ,शिक्षा और समुचित विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। प्रदेश में जहां बड़ी संख्या में जनजाति आबादी निवास करती है, वहां भी इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विशेषकर वर्तमान वर्षा ऋतु में, जब पुराने भवन अधिक जोखिमपूर्ण हो जाते हैं।





तत्काल सर्वेक्षण की मांग

उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त शासकीय विद्यालय भवनों एवं अन्य सार्वजनिक उपयोग में लाये जाने वाले भवनों का तत्काल सर्वेक्षण किया जाये। असुरक्षित पाए जाने वाले भवनों में किसी प्रकार की शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। उक्त भवनों के विकल्प के रूप में अस्थाई कक्षों, किराए के भवनों अथवा अन्य सुरक्षित स्थलों पर व्यवस्थाएं की जाएं। क्षतिग्रस्त भवनों के स्थान पर नवीन भवनों की स्वीकृति एवं निर्माण प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाए।





इन अधिकारियों को भेजा पत्र

उन्होंने मुख्य सचिव से अपेक्षा की है कि इन दिशा निर्देशों का गंभीरता और तत्परता से अनुपालन करते हुए आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह पत्र प्रमुख सचिव, जनजाति कार्य विभाग भोपाल व बड़वानी कलेक्टर को भी भेजा है।





बड़वानी और खरगोन में कई स्कूलों की हालत खराब

गौरतलब है कि बड़वानी और खरगोन जिले में बड़ी संख्या में जर्जर हालत में स्कूल है। बड़वानी जिले में 544 जर्जर स्कूल हैं और 79 ऐसे स्कूल बिल्डिंग है जहां अत्यंत खराब स्थिति के चलते संचालन ही नहीं होता। इसी तरह खरगोन जिले में 877 सुधार के योग्य स्कूल बिल्डिंग हैं। 139 स्कूल बिल्डिंग ऐसी हैं, जहां पढ़ाई नहीं हो सकती।

Loving Newspoint? Download the app now