गुरुग्राम: सेक्टर-49 के घसोला गांव में तीन से चार फुट तक पानी भर गया। यहां पानी में करंट उतरने से 25 साल के ग्राफिक डिजाइनर था अक्षत जैन की जान चली गई। सोहना रोड की वाटिका सिटी में रहने वाले अक्षत रोज की तरह बुधवार शाम भी जिम से लौट रहे थे। रास्ते में घसोला गांव के पास पानी भरा था। बाइक निकालना मुश्किल हो गया तो वह एक स्ट्रीट लाइट के खंभे के पास खड़ा हो गए। इसी बीच करंट की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। अक्षत अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे।
करंट की चपेट में दो गाय भी आईं
लोगों ने बताया कि अक्षत 15 से 20 मिनट तक पानी में तड़पते रहे, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें बचा सकें, क्योंकि करंट फैला हुआ था। गुरुवार सुबह भी यहां दो गायों की भी करंट लगने से मौत हो गई थी। हादसे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई। दो साल पहले भी बरसात के दौरान इफको चौक के पास करंट से तीन लोगों की मौत हो गई थी।
बिजली विभाग के अफसरों पर केस
अक्षत के परिजनों की शिकायत पर बिजली विभाग के कुछ अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है। परिजनों का कहना है कि अक्षत समय रहते अस्पताल पहुंच जाते तो जान बच सकती थी। मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस पोल में करंट था, वह उनका नहीं था। वह पोल नगर निगम (MCG) की स्ट्रीट लाइट का था, जिसकी देखरेख एमसीजी करती है।
सिस्टम की वजह से नहीं हुआ हादसा
डीएचबीवीएन के एसई का कहना है कि यह हादसा हमारे सिस्टम की वजह से नहीं हुआ। जिस पोल में करंट था, वह एमसीजी की स्ट्रीट लाइट का था और उसकी जिम्मेदारी भी एमसीजी की है। पुलिस ने क्यों हमारे विभाग पर मामला दर्ज किया है, यह भी जांच का विषय है। हम पूरी तरह से जांच में सहयोग कर रहे हैं।
करंट की चपेट में दो गाय भी आईं
लोगों ने बताया कि अक्षत 15 से 20 मिनट तक पानी में तड़पते रहे, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें बचा सकें, क्योंकि करंट फैला हुआ था। गुरुवार सुबह भी यहां दो गायों की भी करंट लगने से मौत हो गई थी। हादसे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई। दो साल पहले भी बरसात के दौरान इफको चौक के पास करंट से तीन लोगों की मौत हो गई थी।
बिजली विभाग के अफसरों पर केस
अक्षत के परिजनों की शिकायत पर बिजली विभाग के कुछ अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है। परिजनों का कहना है कि अक्षत समय रहते अस्पताल पहुंच जाते तो जान बच सकती थी। मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस पोल में करंट था, वह उनका नहीं था। वह पोल नगर निगम (MCG) की स्ट्रीट लाइट का था, जिसकी देखरेख एमसीजी करती है।
सिस्टम की वजह से नहीं हुआ हादसा
डीएचबीवीएन के एसई का कहना है कि यह हादसा हमारे सिस्टम की वजह से नहीं हुआ। जिस पोल में करंट था, वह एमसीजी की स्ट्रीट लाइट का था और उसकी जिम्मेदारी भी एमसीजी की है। पुलिस ने क्यों हमारे विभाग पर मामला दर्ज किया है, यह भी जांच का विषय है। हम पूरी तरह से जांच में सहयोग कर रहे हैं।
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