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संसद में हर तरफ धनखड़ की चर्चा... लेकिन जयराम रमेश को आलाकमान से किस बात की मिली नसीहत?

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नई दिल्ली: सोमवार की रात उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे ने अचानक देश के सियासत में ऐसा भूचाल लाया, जिसकी झलक मंगलवार को संसद परिसर में भी बखूबी देखने की मिली, जब संसद के गलियारों में नेताओं के तमाम छोटे-छोटे झुंड आपस में चर्चा करते दिखे।



धनखड़ के इस्तीफे की चर्चा ही छाई रहीहर तरफ धनखड़ के इस्तीफे की चर्चा ही छाई रही। रोचक है कि जहां एक ओर मीडिया सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं से इस्तीफे की पीछे की कहानी जानने की कोशिश कर रहा था तो वहीं दूसरी ओर संसद के गलियारों में दोनों ही पक्षों के सांसद मीडिया के सीनियर पत्रकारों से इस्तीफे का सच समझने की कोशिश करते दिखे। मजे की बात है कि जहां विपक्षी नेता इस मुद्दे पर आराम से आपस में चर्चा करते व मीडिया से बतियाते दिखे तो वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष के सांसद दबी जुबान में आपस में बात करते नजर आ रहे थे।



बीजेपी सांसद धनखड़ पर बात करने से बचते रहे

मीडिया के पास आते ही या उनके सवाल पूछते ही वह अचानक चुप हो जाते थे। बीजेपी के सांसद इस मुद्दे पर बात करने से बचते दिखाई दिए,जिन सांसदों ने मीडिया से बात करने की कोशिश भी की तो उनका रटा-रटाया जवाब था कि अपने इस्तीफे में धनखड़ ने खुद अपनी सेहत का हवाला दिया है तो फिर इसमें दिक्कत क्या है? हालांकि मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्ढा जरूर मीडिया के हुजूम से अनौपचारिक बात करते दिखे, जहां उन्होंने सरकार की आगामी रणनीति पर बात की।



विपक्ष ने संसद परिसर में किया धरना-प्रदर्शन

वहीं दूसरी ओर धनखड़ के इस्तीफे के अलावा बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) का मुद्दा भी चर्चाओं के केंद्र में रहा, जहां राहुल गांधी की अगुवाई में संसद के मकर द्वार पर विपक्षी सांसदों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान वहां मौजूद तमाम विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में वोटर्स लिस्ट की जांच, SIR के खिलाफ नारेबाजी की।

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इसमें राहुल के साथ एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आरजेडी नेता मनोज झा और मीसा भारती व कई अन्य सांसद शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने ‘नहीं चलेगा-नहीं चलेगा, एसआईआर नहीं चलेगा’ और ‘वोटबंदी बंद करो’ के नारे लगाए। कई सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर एसआईआर के विरोध में नारे लिखे हुए थे। बाद में राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पर इस विरोध की जानकारी देते हुए लिखा कि एसआईआर की आड़ में बिहार में हो रही वोट चोरी के खिलाफ आज संसद परिसर में ‘इंडिया’ गठबंधन के साथियों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ।



जयराम रमेश की प्रतिक्रिया पर पार्टी में नाराजगी

धनखड़ के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश की ओर से जो प्रतिक्रिया सामने आई, उसे लेकर न सिर्फ कांग्रेस में नाराजगी दिखी, बल्कि घटक दलों की ओर से दबे सुरों में असहमति जताई गई। दरअसल, जयराम रमेश ने सोमवार की देर रात इस्तीफे पर जो पोस्ट लिखी थी, उसमें उन्होंने एक जगह लिखा कि सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की। वहीं उन्होंने लिखा कि उपराष्ट्रपति ने सरकार और विपक्ष दोनों को समान रूप से निशाने पर लिया।



जयराम को आलाकमान से मिली नसीहत

सूत्रों के मुताबिक,इसे लेकर पार्टी में उन्हें टॉप लीडरशिप से कड़ी नसीहत मिली है। पार्टी के एक बेहद सीनियर नेता का कहना था कि उन्होंने जो कहा, वह उनकी बात है। पार्टी की नहीं। पहचान उजागर न करने की शर्त पर एक आला सूत्र का कहना था कि कई बार वह बोल जाते हैं, लेकिन उन्हें ऊपर से थमने का इशारा किया गया है।



प्रियंका चतुर्वेदी ने जयराम रमेश पर कसा तंजहालांकि, जगदीप धनखड़ की इस तारीफ पर कांग्रेस के सहयोगी शिवसेना-यूबीटी की तंज भरी प्रतिक्रिया सामने आई, जब पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने जयराम का नाम लिए बिना उन्होंने कांग्रेस नेता के इस दावे पर आपत्ति जताई कि 'धनखड़ ने सरकार और विपक्ष दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया' और कहा कि विपक्ष को सभापति के इस पक्षपातपूर्ण रवैए के चलते ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर मजबूर होना पड़ा था।

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