नई दिल्ली: भारत की ओर से लगातार सैन्य क्षमताओं में इजाफा किया जा रहा है। भारतीय सेना को आने वाले वक्त में और ताकतवर बनाने के लिए अलग-अलग लेवल प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में स्वदेश निर्मित सर्वे पोत 'इक्षक' कल यानी 6 नवंबर को भारतीय नौसेना में शामिल होगा। नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी में यह पोत औपचारिक रूप से सैन्य बेड़े का हिस्सा बनेगा। नेवी में शामिल होते ही यह भारत की समुद्री सुरक्षा और ताकत को और अधिक मजबूत बनाएगा।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड, कोलकाता द्वारा निर्मित, इक्षक जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक ताजा उदाहरण है। इस जहाज में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल की सफलता को दिखाता है। 'इक्षक' नौसेना के बेड़े में आने वाला सर्वे वेसल लार्ज (SVL) श्रेणी का तीसरा जहाज है।
'इक्षक' नाम, जिसका अर्थ 'मार्गदर्शक' है, सटीकता और प्रहरी के रूप में जहाज की भूमिका को सटीक रूप से परिभाषित करता है। यह नाम जहाज की उस भूमिका को सही तरह दर्शाता है, जिसमें वह समुद्र में सटीक दिशा-निर्देशन और निगरानी का काम करेगा। यह जहाज तटीय इलाकों और गहरे समुद्र में बंदरगाहों, हार्बर और जहाजों के आने-जाने वाले रूट का पूरा सर्वे करने के लिए बनाया गया है। इससे प्राप्त होने वाला डेटा भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।
इक्षक में आधुनिक हाइड्रोग्राफिक और ओशनोग्राफिक उपकरण लगे हैं, जिनमें हाई-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ROV (रिमोट से नियंत्रित पानी के भीतर चलने वाला वाहन), और चार सर्वे मोटर बोट शामिल हैं। इसकी वजह से यह जहाज नौसेना की सर्वे क्षमता को अत्यधिक मजबूत और बहुमुखी बनाता है। इसमें हेलिकॉप्टर लैंडिंग डेक भी है, जिससे यह कई तरह के मिशन कर सकता है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड, कोलकाता द्वारा निर्मित, इक्षक जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक ताजा उदाहरण है। इस जहाज में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल की सफलता को दिखाता है। 'इक्षक' नौसेना के बेड़े में आने वाला सर्वे वेसल लार्ज (SVL) श्रेणी का तीसरा जहाज है।
'इक्षक' नाम, जिसका अर्थ 'मार्गदर्शक' है, सटीकता और प्रहरी के रूप में जहाज की भूमिका को सटीक रूप से परिभाषित करता है। यह नाम जहाज की उस भूमिका को सही तरह दर्शाता है, जिसमें वह समुद्र में सटीक दिशा-निर्देशन और निगरानी का काम करेगा। यह जहाज तटीय इलाकों और गहरे समुद्र में बंदरगाहों, हार्बर और जहाजों के आने-जाने वाले रूट का पूरा सर्वे करने के लिए बनाया गया है। इससे प्राप्त होने वाला डेटा भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।
इक्षक में आधुनिक हाइड्रोग्राफिक और ओशनोग्राफिक उपकरण लगे हैं, जिनमें हाई-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ROV (रिमोट से नियंत्रित पानी के भीतर चलने वाला वाहन), और चार सर्वे मोटर बोट शामिल हैं। इसकी वजह से यह जहाज नौसेना की सर्वे क्षमता को अत्यधिक मजबूत और बहुमुखी बनाता है। इसमें हेलिकॉप्टर लैंडिंग डेक भी है, जिससे यह कई तरह के मिशन कर सकता है।
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