Next Story
Newszop

पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपा अपने परमाणु हथियारों का कंट्रोल... CIA के पूर्व जासूस का विस्फोटक खुलासा

Send Push
वॉशिंगटन: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एक पूर्व जासूस ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर बड़ा दावा किया है। जॉन किरियाको नाम के इस पूर्व जासूस ने एक पॉडकॉस्ट में कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का कंट्रोल एक अमेरिकी जनरल के हाथों में है। उन्होंने यहां तक दावा कर दिया कि इसलिए ही भारतीय सेना पीछे हट गई थी और 2002 में दोनों के बीच परमाणु युद्ध का जो खतरा था, वह आज मौजूद नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और अफगानिस्तान-पाकिस्तान के इस्लामी समूहों पर वर्षों तक रिपोर्टिंग करने वाले इम्तियाज गुल ने भी कुछ दिनों पहले नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी कंट्रोल को लेकर ऐसा ही खुलासा किया था।



सीआईए के पूर्व अधिकारी ने क्या कहा?

जॉन किरियाको ने पाडकॉस्ट में कहा, "वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने हाल ही में मुझे बताया कि पाकिस्तानी सरकार ने अपने परमाणु शस्त्रागार की कमान और नियंत्रण एक अमेरिकी जनरल के कंट्रोल में कर दिया है। और इसलिए यह भारतीयों के लिए काफी है और भारतीयों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। इसलिए 2002 में दोनों के बीच परमाणु युद्ध का जो खतरा था, वह आज मौजूद नहीं है।"





क्या पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकते हैं आतंकी?

जब उनसे पूछा गया कि क्या अल कायदा पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकता है, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उनसे पूछा गया, "जब आप पाकिस्तान में थे, तो आप जानते हैं, आप आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहे थे, लेकिन एक बड़ी रणनीतिक तस्वीर पर, हमेशा यह चिंता बनी रहती थी कि अल-कायदा उन लोगों तक पहुंच सकता है या घुसपैठ कर सकता है जो परमाणु हथियार को नियंत्रित करते हैं। और यही बात मुझे वास्तव में डराती है।" इस पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह काफी कम हो गया है। जहां जोखिम मौजूद है, वह परमाणु सामग्री में है जो पूर्व सोवियत गणराज्यों के नियंत्रण में थी। लेकिन आज ऐसी बात नहीं है।"



दावा किया- पाकिस्तान पर परमाणु हमला करने वाला था भारत

उन्होंने यह भी दावा किया कि जब वह पाकिस्तान तैनात थे, तब 2002 के मार्च या अप्रैल में इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास को खाली कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका को सूचना मिली थी कि भारत उस समय पाकिस्तान पर परमाणु हमला करने वाला था। इस कारण अमेरिकी दूतावास को खाली कर दिया गया था। उस वक्त दूतावास में जॉन किरियाको के अलावा गिनती के अमेरिकी अधिकारी बचे थे और उन्हें वहां से निकालने के लिए एक अमेरिकी हेलीकॉप्टर भी खड़ा था। हालांकि, इस घटना के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक डोमेन में मौजूद नहीं है।

Loving Newspoint? Download the app now