जम्मू/श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की नगरोटा विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने पूर्व विधायक देवेंद्र राणा की बेटी देवायानी राणा को चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले साल 2024 के चुनावों में बीजेपी ने लगातार नगरोटा विधानसभा सीट पर चौथी बार जीत दर्ज की थी। देवेंद्र राणा ने नेशनल कांफ्रेस के उम्मीदवार जोगिंदर सिंह को 30,472 वोटों से हराया था। देवेंद्र राणा के असमय निधन से यह सीट खाली हुई। ऐसे में बीजेपी ने राणा साहब के नाम से महशूर रहे देवेंद्र राणा की बेटी देवयानी पर दांव खेला है। अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे बढ़ रही देवयानी के सामने जीत दर्ज करने की चुनौती है। इस बार के चुनावों में जाेगिंदर सिंह ने पाला बदल लिया है। वह आम आदमी पार्टी से लड़ रहे हैं जबकि जम्मू कश्मीर की सत्ता पर काबिज शमीम बेगम को उतारा है। ऐसे में इस सीट पर वह प्रमुख दलों से इकलौती बड़ी मुस्लिम कैंडिडेट हैं। अब देखना है कि देवयानी सिंपैथी फैक्टर के साथ कितनी बड़ी जीत दर्ज करती हैं।
कौन हैं देवयानी राणा?
देवयानी राणा जम्मू कश्मीर में बीजेपी युवा मोर्चे की उपाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उनके चुनाव मैदान में उतरने के बाद पार्टी ने पूरी ताकत झोंंक दी है। पार्टी ने इसी साल फरवरी में उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी। देवयानी के पिता देवेंद्र सिंह राणा का पिछले साल 31 अक्टूबर को फरीदाबाद में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। राणा केंद्रीय जितेंद्र सिंह छोटे भाई थे। उन्हें कभी उमर अब्दुल्ला का बेहद करीबी माना जाता था। नेशनल कांफ्रेंस सरकार में उनकी भूमिका काफी अहम रहती थी, हालांकि वह बाद में अलग हो गए थे। उन्हें वॉयस ऑफ जम्मू भी कहा जाता था।
कैलीफोर्निया से पढ़ी हैं देवयानी
देवयानी राणा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफाेर्निया लॉस एजेंलिस से पढ़ीं है। उन्होंने इकोनॉमिक्स में बीए की डिग्री ली है। उन्होंने यह डिग्री 2016 में ली थी। देवयानी राणा ने अपने चुनावी शपथपत्र में खुद की उम्र 30 साल बताई है। देवयानी ने अपने पिता की तरह ही नामांकन भरने से पहले माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद लिया और अपने पिता की तरह फोटो साझा की। देवयानी राणा के पिता के बड़े भाई सुरजीत सिंह सलाठिया ने कहा है कि देवयानी को दुनिया की कोई ताकत नहीं हरा सकती है। बीजेपी रिकॉर्ड मार्जिन से जीतेगी। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने भी इस सीट से कैंडिडेट उतारा था। इस बार कांग्रेस ने यह सीट नेशनल कांफ्रेंस को लिए छोड़ दी है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मुकाबला थोड़ा टाइट हो सकता है। जम्मू कश्मीर में नगरोटा के साथ बडगाम में उपचुनाव हो रहा है। वहां से उमर अब्दुल्ला जीते थे।
कौन हैं देवयानी राणा?
देवयानी राणा जम्मू कश्मीर में बीजेपी युवा मोर्चे की उपाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उनके चुनाव मैदान में उतरने के बाद पार्टी ने पूरी ताकत झोंंक दी है। पार्टी ने इसी साल फरवरी में उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी। देवयानी के पिता देवेंद्र सिंह राणा का पिछले साल 31 अक्टूबर को फरीदाबाद में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। राणा केंद्रीय जितेंद्र सिंह छोटे भाई थे। उन्हें कभी उमर अब्दुल्ला का बेहद करीबी माना जाता था। नेशनल कांफ्रेंस सरकार में उनकी भूमिका काफी अहम रहती थी, हालांकि वह बाद में अलग हो गए थे। उन्हें वॉयस ऑफ जम्मू भी कहा जाता था।
कैलीफोर्निया से पढ़ी हैं देवयानी
देवयानी राणा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफाेर्निया लॉस एजेंलिस से पढ़ीं है। उन्होंने इकोनॉमिक्स में बीए की डिग्री ली है। उन्होंने यह डिग्री 2016 में ली थी। देवयानी राणा ने अपने चुनावी शपथपत्र में खुद की उम्र 30 साल बताई है। देवयानी ने अपने पिता की तरह ही नामांकन भरने से पहले माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद लिया और अपने पिता की तरह फोटो साझा की। देवयानी राणा के पिता के बड़े भाई सुरजीत सिंह सलाठिया ने कहा है कि देवयानी को दुनिया की कोई ताकत नहीं हरा सकती है। बीजेपी रिकॉर्ड मार्जिन से जीतेगी। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने भी इस सीट से कैंडिडेट उतारा था। इस बार कांग्रेस ने यह सीट नेशनल कांफ्रेंस को लिए छोड़ दी है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मुकाबला थोड़ा टाइट हो सकता है। जम्मू कश्मीर में नगरोटा के साथ बडगाम में उपचुनाव हो रहा है। वहां से उमर अब्दुल्ला जीते थे।
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