चंडीगढ़: हरियाणा के रोहतक में तैनात आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में नया खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, आत्महत्या करने से पहले पूरन कुमार ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को फोन किया था। हालांकि दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। बता दें कि अब इस मामले की एसआईटी जांच कर रही है। एसआईटी ने आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार के लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड डिस्क को सीएफएसएल के पास भेजा है।
ये पता लगाने में जुटी टीम
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, फारेंसिक टीम यह पता लगाने में जुटी है कि क्या अधिकारी ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट किसी को ईमेल किया था या फिर केवल अपने पास सेव और प्रिंट किया गया दस्तावेज ही छोड़ा था। जानकारी के मुताबिक, पूरन कुमार ने अपना सुसाइड नोट लैपटॉप पर टाइप किया था, जिसका प्रिंट बाद में उनके कमरे से बरामद हुआ। हालांकि, चर्चा यह भी है कि आत्महत्या से पहले उन्होंने यह नोट दो लोगों को ईमेल किया था। अगर यह बात फारेंसिक जांच में साबित होती है, तो मामला और गंभीर हो सकता है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि अधिकारी किन लोगों से संपर्क में थे और किन पर उन्होंने भरोसा जताया था।
सीएफएसएल की रिपोर्ट में हो सकते हैं खुलासे
सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने अदालत से अनुमति लेकर पूरन कुमार का लैपटॉप, मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए हैं। सीएफएसएल (CFSL) रिपोर्ट से यह भी सामने आएगा कि सुसाइड नोट कब टाइप किया गया, उसमें कोई एडिट या डिलीट किया गया या नहीं। मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसआईटी की एक टीम को हरियाणा के रोहतक भेजने की तैयारी की जा रही है। वहीं, सूत्रों ने बताया कि रोहतक में दर्ज एफआईआर और उससे जुड़े कुछ लोगों के बयान चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने में दर्ज किए जा चुके हैं।
सुसाइड नोट में कई अधिकारियों के नाम
चंडीगढ़ पुलिस को वाई पूरन कुमार के पास से एक फाइनल नोट मिला था, जिसमें तत्कालीन डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत अनेक आईएएस व आईपीएस अफसरों के नामों का जिक्र था। जापान दौरे से लौटने के बाद पी अमनीत कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ में केस दर्ज हुआ था। परिजनों ने वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया था। मामला बढने पर प्रदेश सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को हटा दिया और डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया।
ये पता लगाने में जुटी टीम
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, फारेंसिक टीम यह पता लगाने में जुटी है कि क्या अधिकारी ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट किसी को ईमेल किया था या फिर केवल अपने पास सेव और प्रिंट किया गया दस्तावेज ही छोड़ा था। जानकारी के मुताबिक, पूरन कुमार ने अपना सुसाइड नोट लैपटॉप पर टाइप किया था, जिसका प्रिंट बाद में उनके कमरे से बरामद हुआ। हालांकि, चर्चा यह भी है कि आत्महत्या से पहले उन्होंने यह नोट दो लोगों को ईमेल किया था। अगर यह बात फारेंसिक जांच में साबित होती है, तो मामला और गंभीर हो सकता है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि अधिकारी किन लोगों से संपर्क में थे और किन पर उन्होंने भरोसा जताया था।
सीएफएसएल की रिपोर्ट में हो सकते हैं खुलासे
सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने अदालत से अनुमति लेकर पूरन कुमार का लैपटॉप, मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए हैं। सीएफएसएल (CFSL) रिपोर्ट से यह भी सामने आएगा कि सुसाइड नोट कब टाइप किया गया, उसमें कोई एडिट या डिलीट किया गया या नहीं। मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसआईटी की एक टीम को हरियाणा के रोहतक भेजने की तैयारी की जा रही है। वहीं, सूत्रों ने बताया कि रोहतक में दर्ज एफआईआर और उससे जुड़े कुछ लोगों के बयान चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने में दर्ज किए जा चुके हैं।
सुसाइड नोट में कई अधिकारियों के नाम
चंडीगढ़ पुलिस को वाई पूरन कुमार के पास से एक फाइनल नोट मिला था, जिसमें तत्कालीन डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत अनेक आईएएस व आईपीएस अफसरों के नामों का जिक्र था। जापान दौरे से लौटने के बाद पी अमनीत कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ में केस दर्ज हुआ था। परिजनों ने वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया था। मामला बढने पर प्रदेश सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को हटा दिया और डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया।
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