देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने दिसंबर 2025 से राज्य में प्रवेश करने वाले दूसरे प्रदेशों के वाहनों पर ग्रीन सेस लागू करने का आदेश जारी किया है। इससे सरकारी राजस्व में सालाना 100 से 150 करोड़ रुपये तक की वृद्धि होगी। यह ग्रीन सेस वाहनों पर लगे फास्टैग के माध्यम से काटा जाएगा। इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए राज्य की सीमाओं पर 16 स्थानों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं।
अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि एनएनपीआर कैमरों की संख्या बढ़ाकर 37 की जा रही है। ग्रीन सेस वसूली के लिए परिवहन विभाग ने एक विक्रेता कंपनी नियुक्त की है। कैमरों से प्राप्त डेटा सॉफ्टवेयर के माध्यम से विक्रेता कंपनी को भेजा जाएगा। वहां से उत्तरांखड में रजिस्टर्ड सरकारी और दो पहिया वाहनों की जानकारी अलग कर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के डेटाबेस में भेजी जाएगी।
कार पर 80 रुपये तो डिलीवरी वैन पर 250 रुपये अलग-अलग वाहनों पर ग्रीन सेस की दरें तय की गई हैं। कार पर 80 रुपये का सेस लगेगा। डिलीवरी वैन पर 250 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। भारी वाहनों पर प्रतिदिन 120 रुपये का सेस लागू होगा। बस पर 140 रुपये का ग्रीन सेस वसूला जाएगा। ट्रक पर आकार के अनुसार 140 रुपये से लेकर 700 रुपये तक का सेस लिया जाएगा।
इन वाहनों को रहेगी छूटकुछ वाहनों को इस ग्रीन सेस से छूट दी गई है। जिन वाहनों पर यह चार्ज नहीं लगेगा, उनमें दो पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन शामिल हैं। सरकारी वाहन, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी इस सेस से मुक्त रहेंगी। इसके अतिरिक्त, यदि कोई वाहन 24 घंटे के भीतर दोबारा राज्य में प्रवेश करता है तो उसे दोबारा ग्रीन सेस नहीं देना होगा। ग्रीन सेस के जरिए जुटाई गई राशि का इस्तेमाल एयर पॉल्यूशन कंट्रोल, सड़क सुरक्षा सुधार और शहरी परिवहन विकास के लिए किया जाएगा।
पिछले साल सरकार ने किया था ऐलानआपको बता दें कि पिछले साल उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन सेस लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, इसे लागू करने में लगातार देरी होती रही। अब सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने का पूरा मन बना लिया है।
अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि एनएनपीआर कैमरों की संख्या बढ़ाकर 37 की जा रही है। ग्रीन सेस वसूली के लिए परिवहन विभाग ने एक विक्रेता कंपनी नियुक्त की है। कैमरों से प्राप्त डेटा सॉफ्टवेयर के माध्यम से विक्रेता कंपनी को भेजा जाएगा। वहां से उत्तरांखड में रजिस्टर्ड सरकारी और दो पहिया वाहनों की जानकारी अलग कर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के डेटाबेस में भेजी जाएगी।
कार पर 80 रुपये तो डिलीवरी वैन पर 250 रुपये अलग-अलग वाहनों पर ग्रीन सेस की दरें तय की गई हैं। कार पर 80 रुपये का सेस लगेगा। डिलीवरी वैन पर 250 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। भारी वाहनों पर प्रतिदिन 120 रुपये का सेस लागू होगा। बस पर 140 रुपये का ग्रीन सेस वसूला जाएगा। ट्रक पर आकार के अनुसार 140 रुपये से लेकर 700 रुपये तक का सेस लिया जाएगा।
इन वाहनों को रहेगी छूटकुछ वाहनों को इस ग्रीन सेस से छूट दी गई है। जिन वाहनों पर यह चार्ज नहीं लगेगा, उनमें दो पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन शामिल हैं। सरकारी वाहन, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी इस सेस से मुक्त रहेंगी। इसके अतिरिक्त, यदि कोई वाहन 24 घंटे के भीतर दोबारा राज्य में प्रवेश करता है तो उसे दोबारा ग्रीन सेस नहीं देना होगा। ग्रीन सेस के जरिए जुटाई गई राशि का इस्तेमाल एयर पॉल्यूशन कंट्रोल, सड़क सुरक्षा सुधार और शहरी परिवहन विकास के लिए किया जाएगा।
पिछले साल सरकार ने किया था ऐलानआपको बता दें कि पिछले साल उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन सेस लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, इसे लागू करने में लगातार देरी होती रही। अब सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने का पूरा मन बना लिया है।
You may also like

महाराष्ट्र में 'गुजरात पैटर्न'? कई मंत्रियों को मुश्किल में डालने की तैयारी, अंदरूनी घटनाक्रम से बढ़ीं उथल-पुथल की आशंका

कांग्रेस की लिस्ट में आ ही गए पप्पू यादव, बिहार चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों में रंजीत रंजन भी शामिल

उत्तर प्रदेश का अनोखा मंदिर, जहां एक साथ कर सकते हैं चारों धाम के दर्शन

नैनीताल मेरा ननिहाल, यह फिल्म शूटिंग के लिए बेस्ट स्पॉट : उर्वशी रौतेला

पैसा सिर्फ़ संपत्ति ही नहीं, संस्कार भी है! मुकेश अंबानी ने अपने बिगड़ैल बेटे को सिखाया सबक




