नई दिल्ली: पाकिस्तान के लिए भारत अपनी हवाई और समुद्री सीमाएं बंद कर सकता है। इससे पाकिस्तान की विमान सेवाओं को भारी नुकसान होगा। उन्हें चीन या श्रीलंका के रास्ते से जाना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, भारत इस पर विचार कर रहा है कि पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दे। अगर ऐसा होता है तो कुआलालंपुर जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई शहरों तक पहुंचने के लिए उसके विमानों को चीन या श्रीलंका के ऊपर से घूमकर जाना होगा। भारत, पाकिस्तानी जहाजों को अपने बंदरगाहों पर आने से भी रोक सकता है। पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। उस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 पर्यटक थे। भारत ने इसके जवाब में कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान की कमर तोड़ने पर कामभारत ने पहले ही सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित कर दिया है और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं। सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी हो रही है, जिसका भारत जवाब दे रहा है। भारत का कहना है कि हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों में से दो पाकिस्तानी थे। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) भारत के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करके मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों तक पहुंचती है। अगर भारत अपना हवाई क्षेत्र बंद कर देता है, तो PIA को लंबा रास्ता तय करना होगा, जिससे उसकी सेहत पर असर पड़ सकता है। यूरोपियन एयर सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने सुरक्षा कारणों से 30 जून, 2020 को PIA को यूरोप में उड़ान भरने से रोक दिया था। यह प्रतिबंध 29 नवंबर, 2024 को हटाया गया था। सिंधु जल संधि पहले ही निलंबित कर चुका है भारतपहले भी ऐसा हो चुका है। 1971 में जब भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, तब PIA ने श्रीलंका के हवाई क्षेत्र से अपने विमानों को भेजा था। आतंकवादी हमले के बाद, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने पिछले हफ्ते कई फैसले लिए। सबसे पहले, 1960 की सिंधु जल संधि को तुरंत निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। पाकिस्तानी नागरिकों को भी निकाला गयाइसके अलावा, अटारी चेक पोस्ट को तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया। जो लोग पहले ही इस रास्ते से भारत आ चुके थे, उन्हें 1 मई, 2025 से पहले इसी चेकपोस्ट से वापस जाने के लिए कहा गया है। CCS ने SAARC वीजा छूट योजना (SVES) पर भी कार्रवाई की। पाकिस्तानी नागरिकों को इस योजना के तहत भारत आने से रोक दिया गया। पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा रद्द कर दिए गए। पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया। कूटनीतिक रिश्तों में भी कटौतीइसके अलावा, नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा,सेना, नौसेना और वायु सलाहकारों को 'अवांक्षित' (persona non grata) घोषित कर दिया गया है। इन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया। भारत ने यह भी घोषणा की कि वह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में इन पदों को रद्द कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, दोनों उच्चायोगों में सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा। कूटनीतिक स्तर पर कर्मचारियों की संख्या कम की जाएगी। दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। यह कटौती 1 मई, 2025 तक पूरी हो जाएगी। नहीं सुधरा पाकिस्तान तो तबाही तय!कुल मिलाकर कहें तो भारत, पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठा रहा है। इसमें हवाई और समुद्री सीमाओं को बंद करना, सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वीजा रद्द करना और राजनयिक कर्मचारियों की संख्या और पदों को कम करना शामिल है। ये कदम पाकिस्तान की ओर से कराए गए आतंकवादी हमले के जवाब में उठाए गए हैं। भारत का कहना है कि वह तब तक कोई ढील नहीं देगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। भारत सरकार का कहना है कि 'पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी, तभी रिश्ते सामान्य हो सकते हैं।'
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