नीम करोली बाबा के आश्रम में आज भी होता है उनकी मौजूदगी का अहसास
नीम करोली बाबा का निधन 11 सिंतबर 1973 को हुआ था लेकिन नीम करोली बाबा की स्मृतियां आज भी कैंची धाम में जिंदा है। आप इस एहसास उनके आश्रम को देखकर कर सकते हैं। बाबा के दर्शन न कर पाए लोग कैंची धाम की यात्रा करके नीम करोली बाबा से जुड़ीं बातें जानते हैं। कैंची धाम में कई किताबें और जानकार लोग नीम करोली बाबा का संदेश और ज्ञानवर्धक बातें भक्तों तक पहुंचाते हैं। सबसे खास बात यह है कि हर साल 15 जून को कैंची धाम में मेला लगता है।
कैंची धाम में हनुमान जी के जरूर करें दर्शन
कैंची धाम आश्रम में हनुमान मंदिर है। यहां आने वाले लोगों का कहना है कि हनुमान मंदिर में आकर उन्हें एक अलग प्रकार की शांति का अनुभव हुआ है। हनुमान जी के मंदिर के अलावा यहां पर महादेव, प्रभु श्रीराम और देवी दुर्गा के मंदिर भी है। कैंची धाम यात्रा में हनुमान मंदिर के साथ प्रभु श्रीराम, देवी दुर्गा और महादेव की दर्शन भी जरूर करने चाहिए।
कैंची धाम में बहती नदी और हरियाली से जुड़ा जीवन का अर्थ
कैंची धाम आश्रम में एक शांत बहती नदी है। इस नदी को काफी घंटे तक यूं ही देखते रहना आपको जीवन के शोर में शांत होकर बहना यानी आगे बढ़ना सिखाती है। वहीं, आसपास दूर-दूर तक फैली हरियाली इस बात की साक्षी है कि जीवन को अगर आप प्यार, अपनेपन से सहेजेंगे, तो जीवन भी हरियाली से भरे बगीचे की तरह ही है।
कैंची धाम जाने का सही समय

कैंची धाम आप साल में कभी भी जा सकते हैं लेकिन बारिश के महीनों में आपको कैंची धाम जाने से बचना चाहिए। कैंची धाम जाने के लिए गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम सही है क्योंकि गर्मी में भी यहां ठंडक का एहसास होता है। फरवरी से जून का महीना यहां जाने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
कैंची धाम कैसे पहुंचे

नैनीताल अल्मोडा मार्ग पर नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर और भवाली से 9 किलोमीटर पर स्थित है। प्रत्येक वर्ष 15 जून को यहां पर बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश के श्रद्धालु भाग लेते हैं। आप अगर फ्लाइट से कैंची धाम आना चाहते हैं, तो पंतनगर एयपोर्ट सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। यहां से कैंची धाम 79 किलोमीटर दूर है। आप बस या टैक्सी के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। काठगोदाम रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जिसकी दूरी कैंची धाम से 43 किलोमीटर है।
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