नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में चीन की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सदस्यों से आतंकवाद से लड़ने के लिए दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सदस्य देशों की एकजुटता के लिए उनका आभार जताया। मोदी ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा। उन्होंने पाकिस्तान की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए समूह से उन देशों को जवाबदेह ठहराने का भी आग्रह किया जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं और उसका समर्थन करते हैं। हालांकि, इससे पहले एक तस्वीर मीडिया में आई, जिसमें एक कार में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी साथ दिखे। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा-राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर हमेशा खुशी होती है!पुतिन के साथ मोदी की यह तस्वीर सामने आते ही अमेरिका की ट्रंप सरकार में खलबली मच गई और भारत को लेकर दनादन बयान जारी होने लगे। जानते हैं पूरी कहानी।
जब मोदी और पुतिन मिले तो अमेरिका को लगी मिर्ची
SCO के सदस्य देशों ने पहलगाम हमले की भी कड़ी निंदा की, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और संवेदना जताई। सदस्यों ने आगे कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। सम्मेलन से इतर, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी बातचीत की, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मास्को से कच्चे तेल की खरीद को लेकर नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ा रहे हैं। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने अपने सीमा मतभेदों को सुलझाने और सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
मोदी-पुतिन की तस्वीर सामने और ट्रंप का टैरिफ पीछे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही वाहन में यात्रा की। यह तस्वीर तब आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मॉस्को के साथ नई दिल्ली के तेल खरीदने पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में रूसी नेता के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए कहा-एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।
कार में मोदी-पुतिन 45 मिनट रहे, अमेरिका भांप नहीं पाया
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति पुतिन एससीओ सम्मेलन स्थल से रिट्ज-कार्लटन होटल में आयोजित द्विपक्षीय बैठक तक प्रधानमंत्री मोदी के साथ यात्रा करना चाहते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ शामिल होने के लिए लगभग 10 मिनट तक उनका इंतजार किया। उन्होंने कहा-इसके बाद दोनों नेता उनकी कार में साथ-साथ यात्रा करते हुए विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करते रहे। द्विपक्षीय बैठक स्थल पर पहुंचने के पहले उन्होंने कार में 45 मिनट बिताए। इसके बाद, दोनों नेताओं की एक पूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई जो एक घंटे से ज्यादा चली।
मोदी-पुतिन के इस कदम से ट्रंप दरकिनार
राष्ट्रपति पुतिन का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने रूस के साथ भारत के तेल व्यापार की सार्वजनिक रूप से निंदा की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली पर यूक्रेन में पुतिन के युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया है। पिछले महीने, ट्रंप ने अमेरिका जाने वाले भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया था, जो एशिया में सबसे ज़्यादा है। इससे भारत को ऊर्जा ख़रीद के लिए दंडित किया जा सकता है। अमेरिकी दबाव के बावजूद, भारत ने मास्को के साथ अपना तेल व्यापार बंद नहीं किया है और कहा है कि उसके राष्ट्रीय हित उसकी ऊर्जा आयात नीतियों का मार्गदर्शन करेंगे। नई दिल्ली ने अमेरिकी शुल्कों को अनुचित और अतार्किक भी बताया है।
भारत-रूस का गठजोड़ अमेरिकी हितों के खिलाफ
ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने पीएम मोदी की रूस और चीन के नेताओं के साथ नजदीकियों पर आपत्ति जताई है। नवारो ने कहा कि मोदी का शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के साथ खड़ा होना शर्मनाक है। उन्होंने सवाल उठाया कि पता नहीं मोदी क्या सोच रहे हैं, हमें उम्मीद है कि वे समझेंगे कि उन्हें रूस की बजाय हमारे साथ होना चाहिए। नवारो ने भारत को ‘रूस की धुलाई मशीन’ कहा और आरोप लगाया कि भारत न सिर्फ व्यापार असंतुलन बढ़ा रहा है, बल्कि ऐसे गठजोड़ भी मजबूत कर रहा है, जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं। इससे पहले भी नवारो ने ब्लूमबर्ग टीवी के इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन जंग को मोदी की जंग बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और ऊंची कीमत पर बेचता है। इससे रूस को जंग के लिए पैसा मिलता है और वो यूक्रेन पर हमला करता है।
मोदी की SCO बैठक में हिस्सा लेना महज छलावा
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे रूस की जंग मशीन को ताकत मिल रही है। उन्होंने भारत को बुरा खिलाड़ी करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की SCO बैठक में हिस्सा लेने को छलावा करार देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत मजबूत लोकतंत्र हैं और मतभेद सुलझा सकते हैं।
जब मोदी और पुतिन मिले तो अमेरिका को लगी मिर्ची
SCO के सदस्य देशों ने पहलगाम हमले की भी कड़ी निंदा की, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और संवेदना जताई। सदस्यों ने आगे कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। सम्मेलन से इतर, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी बातचीत की, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मास्को से कच्चे तेल की खरीद को लेकर नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ा रहे हैं। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने अपने सीमा मतभेदों को सुलझाने और सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
मोदी-पुतिन की तस्वीर सामने और ट्रंप का टैरिफ पीछे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही वाहन में यात्रा की। यह तस्वीर तब आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मॉस्को के साथ नई दिल्ली के तेल खरीदने पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में रूसी नेता के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए कहा-एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।
कार में मोदी-पुतिन 45 मिनट रहे, अमेरिका भांप नहीं पाया
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति पुतिन एससीओ सम्मेलन स्थल से रिट्ज-कार्लटन होटल में आयोजित द्विपक्षीय बैठक तक प्रधानमंत्री मोदी के साथ यात्रा करना चाहते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ शामिल होने के लिए लगभग 10 मिनट तक उनका इंतजार किया। उन्होंने कहा-इसके बाद दोनों नेता उनकी कार में साथ-साथ यात्रा करते हुए विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करते रहे। द्विपक्षीय बैठक स्थल पर पहुंचने के पहले उन्होंने कार में 45 मिनट बिताए। इसके बाद, दोनों नेताओं की एक पूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई जो एक घंटे से ज्यादा चली।
मोदी-पुतिन के इस कदम से ट्रंप दरकिनार
राष्ट्रपति पुतिन का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने रूस के साथ भारत के तेल व्यापार की सार्वजनिक रूप से निंदा की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली पर यूक्रेन में पुतिन के युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया है। पिछले महीने, ट्रंप ने अमेरिका जाने वाले भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया था, जो एशिया में सबसे ज़्यादा है। इससे भारत को ऊर्जा ख़रीद के लिए दंडित किया जा सकता है। अमेरिकी दबाव के बावजूद, भारत ने मास्को के साथ अपना तेल व्यापार बंद नहीं किया है और कहा है कि उसके राष्ट्रीय हित उसकी ऊर्जा आयात नीतियों का मार्गदर्शन करेंगे। नई दिल्ली ने अमेरिकी शुल्कों को अनुचित और अतार्किक भी बताया है।
भारत-रूस का गठजोड़ अमेरिकी हितों के खिलाफ
ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने पीएम मोदी की रूस और चीन के नेताओं के साथ नजदीकियों पर आपत्ति जताई है। नवारो ने कहा कि मोदी का शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के साथ खड़ा होना शर्मनाक है। उन्होंने सवाल उठाया कि पता नहीं मोदी क्या सोच रहे हैं, हमें उम्मीद है कि वे समझेंगे कि उन्हें रूस की बजाय हमारे साथ होना चाहिए। नवारो ने भारत को ‘रूस की धुलाई मशीन’ कहा और आरोप लगाया कि भारत न सिर्फ व्यापार असंतुलन बढ़ा रहा है, बल्कि ऐसे गठजोड़ भी मजबूत कर रहा है, जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं। इससे पहले भी नवारो ने ब्लूमबर्ग टीवी के इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन जंग को मोदी की जंग बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और ऊंची कीमत पर बेचता है। इससे रूस को जंग के लिए पैसा मिलता है और वो यूक्रेन पर हमला करता है।
मोदी की SCO बैठक में हिस्सा लेना महज छलावा
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे रूस की जंग मशीन को ताकत मिल रही है। उन्होंने भारत को बुरा खिलाड़ी करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की SCO बैठक में हिस्सा लेने को छलावा करार देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत मजबूत लोकतंत्र हैं और मतभेद सुलझा सकते हैं।
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