नई दिल्ली: दुनिया की तीसरी बड़ी वैल्यूएबल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला को अब तक की सबसे बड़ी सैलरी हाइक मिली है। उनकी सैलरी फाइनेंशियल ईयर 2024-2025 के बढ़कर रेकॉर्ड 96.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 846 करोड़ रुपये रही। भारतीय मूल के नडेला साल 2014 में इस कंपनी के सीईओ बने थे। नडेला की कुल कमाई का लगभग 90% हिस्सा माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों से आता है। उनका बेस वेतन 2.5 मिलियन डॉलर है। पिछले वित्तीय वर्ष में उन्हें 79.1 मिलियन डॉलर मिले थे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन के लिए नडेला को यह इनाम दिया है।
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के बोर्ड का कहना है कि कंपनी के शानदार नतीजे दिखाते हैं कि सत्या नडेला और उनकी टीम ने माइक्रोसॉफ्ट को इस पीढ़ी के तकनीकी बदलाव में एक स्पष्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लीडर के रूप में स्थापित किया है। कंपनी के शेयरों में इस साल 23% तेजी आई है। माइक्रोसॉफ्ट का Azure क्लाउड कंप्यूटिंग डिवीजन लगातार अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। नडेला के लीडरशिप में माइक्रोसॉफ्ट ने AI स्टार्टअप और ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI में 1 अरब डॉलर का निवेश किया था। आज यह दुनिया की सबसे वैल्यूएबल प्राइवेट कंपनी है जिसकी वैल्यू 500 अरब डॉलर पहुंच चुकी है।
नडेला का सफर
हैदराबाद में जन्मे और पले-बढ़े नडेला साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े थे जहां उन्होंने शुरू में विंडोज NT के विकास में अहम भूमिका निभाई। बाद में वह माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर और टूल्स डिवीजन के प्रेसिडेंट बने और फिर उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग ऑपरेशंस की जिम्मेदारी मिली। नडेला को 4 फरवरी, 2014 को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ नियुक्त किया गया। वह कंपनी के को-फाउंडर बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद कंपनी का नेतृत्व करने वाले तीसरे व्यक्ति बने।
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के बोर्ड का कहना है कि कंपनी के शानदार नतीजे दिखाते हैं कि सत्या नडेला और उनकी टीम ने माइक्रोसॉफ्ट को इस पीढ़ी के तकनीकी बदलाव में एक स्पष्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लीडर के रूप में स्थापित किया है। कंपनी के शेयरों में इस साल 23% तेजी आई है। माइक्रोसॉफ्ट का Azure क्लाउड कंप्यूटिंग डिवीजन लगातार अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। नडेला के लीडरशिप में माइक्रोसॉफ्ट ने AI स्टार्टअप और ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI में 1 अरब डॉलर का निवेश किया था। आज यह दुनिया की सबसे वैल्यूएबल प्राइवेट कंपनी है जिसकी वैल्यू 500 अरब डॉलर पहुंच चुकी है।
नडेला का सफर
हैदराबाद में जन्मे और पले-बढ़े नडेला साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े थे जहां उन्होंने शुरू में विंडोज NT के विकास में अहम भूमिका निभाई। बाद में वह माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर और टूल्स डिवीजन के प्रेसिडेंट बने और फिर उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग ऑपरेशंस की जिम्मेदारी मिली। नडेला को 4 फरवरी, 2014 को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ नियुक्त किया गया। वह कंपनी के को-फाउंडर बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद कंपनी का नेतृत्व करने वाले तीसरे व्यक्ति बने।
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