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सैलरी में मिलने वाली इन सुविधाओं पर नहीं लगेगा टैक्स, किसे होगा फायदा?

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नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 18 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी किया। इससे सैलरी इनकम में मिलने वाले टैक्स-फ्री पर्क्विजिट (सुविधाएं) कैलकुलेट करने की आय की सीमा को बढ़ा दिया गया है। ये नई लिमिट्स 1 अप्रैल, 2025 (AY 2026-27) से लागू हैं। उदाहरण के लिए, असेसमेंट ईयर (AY) 2026-27 के लिए अगर आपकी सैलरी इनकम मान लीजिए 3.99 लाख रुपये है। आपको अपने एम्प्लॉयर से ब्याज-मुक्त लोन या बच्चों के लिए मुफ्त पढ़ाई की सुविधा वगैरह मिल रही है, तो आपको इस तरह के फायदे (पर्क्विजिट) पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा।



चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश सुराना ने ET को बताया कि यह तय की गई लिमिट अब 4 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है जो पहले 50,000 रुपये थी। इस बदलाव का असर यह है कि 4 लाख रुपये तक की सैलरी इनकम वाले कर्मचारी 'स्पेसिफाइड एम्प्लॉइज' की कैटिगरी में नहीं आएंगे। इसलिए उन्हें कुछ खास फायदों (जैसे ब्याज-मुक्त लोन या बच्चों के लिए मुफ्त पढ़ाई की सुविधा) पर पर्क्विजिट टैक्स नहीं देना होगा।





स्पेसिफाइड एम्प्लॉइज

इन उद्देश्यों के लिए सिर्फ वही लोग 'स्पेसिफाइड एम्प्लॉइज' माने जाएंगे जिनकी सैलरी इनकम 4 लाख रुपये से अधिक होगी। पहले, टैक्स-फ्री सुविधाओं के लिए सैलरी इनकम की लिमिट 'स्पेसिफाइड एम्प्लॉइज' के लिए 50,000 रुपये और विदेश में मेडिकल इलाज के लिए 2 लाख रुपये थी। अब 'स्पेसिफाइड एम्प्लॉइज' के लिए यह सीमा 4 लाख रुपये और विदेश में मेडिकल इलाज के लिए 8 लाख रुपये हो गई है।

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