US Student Visa: अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने विदेशी छात्रों को स्टूडेंट वीजा जारी कर दिया है। इससे उन हजारों भारतीयों ने राहत की सांस ली है, जिन्हें कुछ महीनों में हायर एजुकेशन के लिए जाना है। मई में स्टूडेंट वीजा जारी करने पर रोक लगाई गई थी, जिस वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था। हालांकि, वीजा सर्विस शुरू करने के साथ ही अमेरिकी सरकार ने एक नया फरमान भी जारी कर दिया है। इसके तहत अब सभी वीजा आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट चेक कराना होगा।
आसान भाषा में कहें तो अगर किसी को अमेरिका में पढ़ने जाना है, तो उसे वीजा इंटरव्यू के दौरान अपना सोशल मीडिया अकाउंट चेक कराना होगा। अमेरिकी सरकार पहले वीजा आवेदक की ऑनलाइन एक्टिविटी चेक करेगी और फिर उसके आधार पर तय करेगी कि वीजा जारी किया जाएगा या नहीं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से ही छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें लेकर लगातार नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में बहुत से छात्र यहां पढ़ने को लेकर चिंतित हैं।
सोशल मीडिया जांच की वजह क्या है?
अमेरिका वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया जांच इसलिए करना चाहता है, ताकि ऐसे लोगों की पहचान की जा सके, जो अमेरिकी संस्कृति, सरकार और संस्थान के खिलाफ नफरत रखते हैं। छात्रों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल 'पब्लिक' करनी होगी, ताकि काउंसलर अधिकारी प्रोफाइल को ठीक ढंग से जांच पाएं। अगर जांच के दौरान एंटी-अमेरिकन या आतंकवाद या यहूदी विरोधी समर्थन वाले पोस्ट या इंटरैक्शन मिलते हैं, तो इस आधार पर वीजा देने से इनकार किया जा सकता है।
छात्र किन बातों का रखें ख्याल?
भारतीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सालाना 40 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान करते हैं। वे इस पॉलिसी से काफी ज्यादा टेंशन में हैं। कई लोगों को चिंता हो रही है कि अगर उन्होंने कोई मजाकिया मीम या पॉटिलिकल कमेंट भी शेयर किया है, तो उस आधार पर उन्हें वीजा नहीं मिलेगा। हालांकि, इससे निपटने के लिए छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पहले से ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का ऑडिट करें। उन्हें इनएक्टिव प्रोफाइल को हटा देना चाहिए और अच्छी प्रोफाइल को एक्टिव रखना चाहिए।
अगर आपने कुछ ऐसी पोस्ट की हैं, जिनके आधार पर आपको वीजा देने से इनकार किया जा सकता है, तो उसे डिलीट कर दें। हालांकि, यहां ध्यान रखें कि ऐसी ज्यादा पोस्ट को डिलीट नहीं किया जाए, क्योंकि एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट में ज्यादा तारीख का अंतर होना भी शक पैदा कर सकता है। कोशिश करें कि आप कोई भी ऐसी पोस्ट ना करें, जो विवादित हो। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे यहूदी विरोधी कंटेट से भी दूरी बनाएं रखें, क्योंकि इस वक्त अमेरिका में इस मुद्दे पर काफी एक्शन लिया जा रहा है।
आसान भाषा में कहें तो अगर किसी को अमेरिका में पढ़ने जाना है, तो उसे वीजा इंटरव्यू के दौरान अपना सोशल मीडिया अकाउंट चेक कराना होगा। अमेरिकी सरकार पहले वीजा आवेदक की ऑनलाइन एक्टिविटी चेक करेगी और फिर उसके आधार पर तय करेगी कि वीजा जारी किया जाएगा या नहीं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से ही छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें लेकर लगातार नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में बहुत से छात्र यहां पढ़ने को लेकर चिंतित हैं।
सोशल मीडिया जांच की वजह क्या है?
अमेरिका वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया जांच इसलिए करना चाहता है, ताकि ऐसे लोगों की पहचान की जा सके, जो अमेरिकी संस्कृति, सरकार और संस्थान के खिलाफ नफरत रखते हैं। छात्रों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल 'पब्लिक' करनी होगी, ताकि काउंसलर अधिकारी प्रोफाइल को ठीक ढंग से जांच पाएं। अगर जांच के दौरान एंटी-अमेरिकन या आतंकवाद या यहूदी विरोधी समर्थन वाले पोस्ट या इंटरैक्शन मिलते हैं, तो इस आधार पर वीजा देने से इनकार किया जा सकता है।
छात्र किन बातों का रखें ख्याल?
भारतीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सालाना 40 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान करते हैं। वे इस पॉलिसी से काफी ज्यादा टेंशन में हैं। कई लोगों को चिंता हो रही है कि अगर उन्होंने कोई मजाकिया मीम या पॉटिलिकल कमेंट भी शेयर किया है, तो उस आधार पर उन्हें वीजा नहीं मिलेगा। हालांकि, इससे निपटने के लिए छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पहले से ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का ऑडिट करें। उन्हें इनएक्टिव प्रोफाइल को हटा देना चाहिए और अच्छी प्रोफाइल को एक्टिव रखना चाहिए।
अगर आपने कुछ ऐसी पोस्ट की हैं, जिनके आधार पर आपको वीजा देने से इनकार किया जा सकता है, तो उसे डिलीट कर दें। हालांकि, यहां ध्यान रखें कि ऐसी ज्यादा पोस्ट को डिलीट नहीं किया जाए, क्योंकि एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट में ज्यादा तारीख का अंतर होना भी शक पैदा कर सकता है। कोशिश करें कि आप कोई भी ऐसी पोस्ट ना करें, जो विवादित हो। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे यहूदी विरोधी कंटेट से भी दूरी बनाएं रखें, क्योंकि इस वक्त अमेरिका में इस मुद्दे पर काफी एक्शन लिया जा रहा है।
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